-फिलहाल यह मुक्त व्यापार समझौता अपने अंतिम चरण में
-भारत और ब्रिटेन के बीच जल्द हो सकता है मुक्त व्यापार समझौता
नई दिल्ली। liquor lovers: भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) प्रस्तावित है। दोनों देशों के बीच इस डील से घरेलू व्हिस्की उत्पादकों में चिंता बढ़ गई है। भारत और ब्रिटेन के बीच एक मुक्त व्यापार समझौते से जॉनी वॉकर ब्लैक लेबल और सिवास रीगल जैसे लोकप्रिय ब्रांडों के शिपमेंट में वृद्धि हो सकती है।
मुक्त व्यापार समझौता अब अंतिम रूप लेने के करीब है। इसमें बोतलबंद स्कॉच के लिए न्यूनतम आयात मूल्य (एमआईपी) शामिल होने की उम्मीद है। इसकी बोतलबंद और कास्क व्हिस्की दोनों पर आयात शुल्क कम किया जा सकता है।
प्रस्तावित एफटीए के तहत एमआईपी सीमा से ऊपर बोतलबंद स्कॉच पर आयात शुल्क 150 फीसदी से घटाकर 100 फीसदी किया जा सकता है। जबकि पीपों पर 75 प्रतिशत की दर से आधा शुल्क लिया जा सकता है। लेकिन इस पर अभी भी चर्चा चल रही है।
दोनों देशों के बीच डील से जॉनी वॉकर और सिवास रीगल की कीमतों पर असर पड़ेगा। इनकी कीमतें घटेंगी। दरअसल, इस डील के बाद भारत और यूके में जॉनी वॉकर ब्लैक लेबल और सिवास रीगल जैसे मशहूर ब्रांड्स की शिपमेंट बढ़ सकती है।
यह मुक्त व्यापार समझौता अपने अंतिम चरण में है। भारत और ब्रिटेन के बीच एफटीए वार्ता का 11वां दौर हाल ही में संपन्न हुआ। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल वार्ता के लिए लंदन में थे।
कितनी गिरेगी कीमत?
मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक, डील के तहत एमआईपी सीमा से ऊपर बोतलबंद स्कॉच पर आयात शुल्क 150 फीसदी से घटाकर 100 फीसदी किया जा सकता है। कास्क पर 75 प्रतिशत पर आधा शुल्क लिया जा सकता है। फिलहाल इस पर चर्चा चल रही है।
इधर, इस डील ने घरेलू उद्योगों के लिए चिंता बढ़ा दी है। घरेलू उद्योग सभी 750 एमएल बोतलों पर 5 प्रतिशत एमआईपी पर जोर देता है। यह एक ऐसा कदम है जिससे ब्रिटेन से देश में स्कॉच के आयात में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है।