Gold and Silver Price Today : त्योहारी सीजन के बीच निवेशकों के लिए राहत और सर्राफा कारोबारियों के लिए चिंता की खबर आई है। ग्लोबल मार्केट में सोने और चांदी (Gold and Silver Price) दोनों के भाव में जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई है।
सोमवार को जहां सोना अपने लाइफटाइम हाई 4,381.21 डॉलर प्रति औंस के स्तर पर पहुंच गया था, वहीं अब यह 6% से अधिक लुढ़ककर 4,109.19 डॉलर प्रति औंस पर आ गया है। यह अगस्त 2020 के बाद की सबसे बड़ी इंट्राडे गिरावट मानी जा रही है।
घरेलू बाजार में भी दिखा असर
अंतरराष्ट्रीय गिरावट का सीधा असर भारतीय सर्राफा बाजार पर पड़ा है। देश में सोने का भाव अब ₹132,294 प्रति 10 ग्राम के अपने रिकॉर्ड स्तर से गिरकर ₹1,28,000 प्रति 10 ग्राम के आसपास आ गया है। यानी कीमतों में ₹4,294 प्रति 10 ग्राम की गिरावट देखी गई है। यह लगभग 3% से ज्यादा की गिरावट है, जो पिछले कई महीनों में पहली बार देखने को मिली है।
सर्राफा विशेषज्ञों का कहना है कि सोने में यह गिरावट मुनाफावसूली (Profit Booking) के चलते आई है, क्योंकि बीते महीनों में सोना लगभग 60% का रिटर्न दे चुका है। यह रिटर्न किसी भी प्रमुख परिसंपत्ति वर्ग – जैसे रियल एस्टेट, इक्विटी या बॉन्ड – से कहीं अधिक रहा है।
वैश्विक कारणों से टूटी कीमतें
बाजार विश्लेषकों के अनुसार, सोने की इस तेज गिरावट के पीछे कई वैश्विक कारण हैं –
अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक संबंधों में सुधार के संकेत अमेरिकी डॉलर की मजबूती और फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती में संभावित देरी इन कारकों के चलते निवेशकों ने सेफ हेवन यानी गोल्ड से पैसे निकालकर अन्य परिसंपत्तियों में निवेश करना शुरू कर दिया है। इसके अलावा भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता में सकारात्मक संकेत भी सोने की कीमतों पर दबाव बना रहे हैं।
चांदी में भी 8% की बड़ी गिरावट
सोने के साथ-साथ चांदी के दामों में भी बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। 21 अक्टूबर को अमेरिकी बाजार में चांदी 8% टूटकर 48.11 डॉलर प्रति औंस पर आ गई, जो 2021 के बाद की सबसे बड़ी वन-डे गिरावट है। घरेलू बाजार में भी दो दिनों के भीतर ₹8,100 प्रति किलोग्राम की गिरावट आई है और अब इसका भाव करीब ₹1,63,900 प्रति किलो पर आ गया है।
17 अक्टूबर को चांदी अपने लाइफटाइम हाई 54.47 डॉलर प्रति औंस पर थी, यानी अब यह करीब 12% नीचे आ चुकी है। इंडस्ट्रियल डिमांड में कमी, खासकर इलेक्ट्रॉनिक्स और सोलर एनर्जी सेक्टरों से मांग घटने की वजह से यह गिरावट और गहरी हुई है।
आगे क्या उम्मीद?
विशेषज्ञों का मानना है कि यह गिरावट अल्पकालिक (Short Term) हो सकती है। यदि डॉलर इंडेक्स कमजोर होता है या ब्याज दरों में राहत के संकेत मिलते हैं, तो सोने की कीमतें फिर से उछाल पकड़ सकती हैं। हालांकि फिलहाल निवेशकों के लिए यह समय मुनाफावसूली और पुनः निवेश की रणनीति बनाने का है।
फिर भी ऊंचे स्तर पर बनी हैं कीमतें
भले ही भावों में तेज गिरावट आई हो, लेकिन पिछले एक साल की तुलना में सोना और चांदी अभी भी काफी ऊंचे स्तर पर हैं। इसलिए विशेषज्ञ घरेलू निवेशकों को सलाह दे रहे हैं कि वे “स्मार्ट एवरेजिंग” रणनीति अपनाएं और गिरावट को दीर्घकालिक निवेश के अवसर के रूप में देखें।

