रिलायंस से डील पर रोक हटाने की मांग
नई दिल्ली। Future Reliance deal : फ्यूचर रिटेल और उसके प्रवर्तकों ने सिंगापुर के मध्यस्थता न्यायाधिकरण एसआईएसी द्वारा रिलायंस रिटेल के साथ उसके 24,713 करोड़ रुपये के सौदे पर रोक लगाने संबंधी आदेश पर स्टे और उसे निरस्त करने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया है। एसआईएसी ने 21 अक्टूबर को यह आदेश दिया था।
सिंगापुर अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र (SIAC) ने 21 अक्टूबर को फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (FRL) की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें रिलायंस के साथ सौदे पर बीते साल 25 अक्टूबर को एसआईएसी के आपात मध्यस्थ (इमरजेंसी आर्बिट्रेटर) द्वारा लगाई गई अंतरिम रोक को हटाने की मांग की गई थी।
FRL ने एक नियामकीय सूचना में कहा, “कंपनी ने 25, अक्टूबर 2020 के आपात मध्यस्थ के अंतरिम आदेश को खारिज करने के लिए अपने आवेदन पर एसआईएसी द्वारा 21 अक्टूबर, 2021 को जारी आक्षेपित आदेश के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की है।”
एफआरएल ने हाईकोर्ट से “21 अक्टूबर 2021 के आक्षेपित आदेश के पालन पर रोक लगाने और उसे निरस्त करने” और “वैकल्पिक रूप से, कंपनी को शेयरधारकों और लेनदारों की बैठक करने की मंजूरी देने का अनुरोध किया है, जैसा कि एनसीएलटी (राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण) मुंबई द्वारा 28 सितंबर के आदेश में कहा गया था।”
इससे पहले इस महीने एसआईएसी ने अपने एक फैसले में यह भी कहा था कि रिलायंस रिटेल के फ्यूचर (Future Reliance deal) ग्रुप की संपत्तियों की बिक्री से जुड़े विवाद में अमेजन और फ्यूचर ग्रुप के बीच चल रही मध्यस्थता में फ्यूचर रिटेल एक पक्ष है। फ्यूचर ने एसआईएसी के समक्ष तर्क दिया था कि उसे मध्यस्थता की कार्यवाही से बाहर रखा जाना चाहिए क्योंकि वह अपने प्रवर्तक फ्यूचर कूपन प्राइवेट लिमिटेड (एफसीपीएल) और अमेजन के बीच विवाद का पक्ष नहीं है।
गौरतलब है कि फ्यूचर द्वारा रिलायंस इंडस्ट्रीज (Future Reliance deal) की खुदरा शाखा को उसके खुदरा, थोक, रसद और वेयरहाउसिंग संपत्तियों की 24,713 करोड़ रुपये की बिक्री को रोकने की कोशिश कर रहे अमेजन ने आरोप लगाया है कि रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (आरआरवीएल) और फ्यूचर के बीच यह सौदा, 2019 में किशोर बियानी के नेतृत्व वाली कंपनी के साथ हुए उसके खुद के सौदे का उल्लंघन करता है।