Former CM Akhilesh Yadav : कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की संसद सदस्यता खत्म हो जाने पर अनेक विपक्षी पार्टियों के नेता उनके समर्थन में बयान देकर यह जताने की कोशिश जरूर कर रहे है कि वे इस मामले में राहुल गांधी के साथ है लेकिन सच तो यह है कि इन नेताओं के मन में लड्डू फूट रहे है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेया के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राहुल गांधी की संसद सदस्यता खत्म होने की निंदा तो की है लेकिन साथ ही यह बड़ा बोल भी बोला है कि अब कांग्रेस को क्षेत्रीय दलों के पीछे आ जाना चाहिए।
अखिलेश यादव का यह बड़बोलापन ही बताता है कि वे राहुल गांधी की संसद सदस्यता खत्म होने से दुखी है या खुश है। यूं तो मोदी सरनेम…एक जाति विशेष से जुड़ा है….जिस पर आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर अदालत ने राहुल गांधी को 2 साल की सजा सुनाई है…नतीजा राहुल गांधी की संसद सदस्यता भी खत्म हो गई है….लेकिन राहुल गांधी के एक जाति विशेष के सरनेम पर दिए गए बयान को भाजपा ओबीसी वर्ग के अपमान तक खींच लाई है….भाजपा नेता हर एक मंच से संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं….कि राहुल गांधी और कांग्रेस पिछड़ा विरोधी है ….जिस पर राहुल गांधी और अखिलेश यादव ने तीखा पलटवार किया है अखिलेश यादव ने कहा कि ”मैं देख रहा हूं बीजेपी के नेता कह रहे हैं पिछड़ों का अपमान हो गया. हमारे घर मुख्यमंत्री आवास को गंगा जल से धोया बीजेपी के लोगों ने तब अपमान नहीं हुआ?
उन्होंने कहा कि इससे पहले समाजवादी पार्टी के सबसे वरिष्ठ नेता मोहम्मद आज़म खान साहब की सदस्यता छीनी गई, उनके बेटे की सदस्यता छीनी गई और सपा के विधायक हैं रमाकांत यादव उनकी सदस्यता कैसे छीन लें. सपा के दीपक यादव को झूठा फंसा दिया. अखिलेश यादव ने कहा कि रीजनल पार्टीज को अपमानित करने और उन्हें बदनाम करने के लिए ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स से लगातार राष्ट्रीय पार्टियां कोशिश करती हैं.
जब कांग्रेस सत्ता में थी तो वह क्षेत्रीय दलों पर ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स के छापे लगवाती थी. आज बीजेपी है. रास्ता वही है. इससे पहले अखिलेश यादव ने दावा किया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराना बीजेपी का महंगाई, बेरोजगारी, ‘उद्योपति मित्रों’ द्वारा भारत के पैसों को डुबाने जैसे मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने का हथकंडा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के मामले पर अखिलेश यादव ने कहा कि इसी सरकार के कार्यकाल में मोहम्मद आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्लाह आजम की सदस्यता रद्द की गई.
दूसरे प्रदेश के कैडर के अधिकारी को बुलाकर सरकार और प्रशासन के दिशा-निर्देश पर कार्रवाई की गई. बीजेपी नेताओं पर दर्ज मुकदमे की जांच की जाए तो बीजेपी के बड़े नेताओं की सदस्यता रद्द हो जाएगी. उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ गलत हुआ है वैसे ही एक कांग्रेस के नेता के साथ गलत हुआ है. भारतीय जनता पार्टी मुद्दों से भटकाती है।