FMCG Price Cut : दिग्गज (FMCG Company) हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL) ने अपने कई मशहूर प्रोडक्ट्स के दाम घटा दिए हैं। इनमें डव (Dove) शैम्पू, हॉर्लिक्स (Horlicks), किसान (Kissan) जैम और लाइफबॉय (Lifebuoy) साबुन के दाम घटा दिए हैं। नई कीमतें 22 सितंबर से लागू होंगी।
किन प्रोडक्ट्स के दाम घटे
HUL के विज्ञापन के मुताबिक, डव शैम्पू (340 ml) अब ₹490 की जगह ₹435 में मिलेगा। हॉर्लिक्स (200 gm) की कीमत ₹130 से घटकर ₹110 हो गई है। किसान जैम (200 gm) अब ₹90 की बजाय ₹80 में मिलेगा। वहीं, लाइफबॉय साबुन (75 gm × 4 पैक) ₹68 से घटकर ₹60 हो गया है। यह (Price Reduction Impact) उपभोक्ताओं के लिए बड़ी राहत है।
HUL का कहना है कि नई कीमतों वाले पैक धीरे-धीरे बाजार में पहुंच रहे हैं। यह फैसला सरकार के उस नियम के बाद लिया गया है, जिसमें कंपनियों को कीमतों में बदलाव की जानकारी अखबारों में देनी जरूरी है।
छोटे पैक के दाम नहीं घटेंगे?
कंज्यूमर गुड्स बनाने वाली कंपनियों ने (GST Council Decision) के बाद CBIC को साफ कर दिया है कि वे छोटे दाम वाले प्रोडक्ट्स की कीमत कम नहीं कर पाएंगी। उनका कहना है कि इससे उपभोक्ताओं के लिए खरीदना उलझन भरा हो जाएगा। कंपनियों ने इसके बजाय पैक का साइज बढ़ाने का सुझाव दिया है।
बिस्किट, साबुन और टूथपेस्ट जैसी रोजमर्रा की चीजें अक्सर 5, 10 और 20 रुपये में बिकती हैं। कंपनियों का कहना है कि इन प्राइस पॉइंट्स से नीचे जाना भारतीय बाजार में मुश्किल होगा। उदाहरण के तौर पर, 20 रुपये का बिस्किट पैक अभी तक 18% जीएसटी के साथ आता था। 22 सितंबर के बाद इस पर जीएसटी घटकर 5% हो जाएगा और पैक की कीमत घटकर 17.80 या 18 रुपये हो जाएगी। यह (Consumer Price Concern) कंपनियों के लिए चुनौती है।
इंपल्स पैक और कंपनियों की स्ट्रैटेजी
बीकाजी फूड्स इंटरनेशनल के CFO ऋषभ जैन ने कहा कि नई दरों के बाद कंपनी ‘इंपल्स पैक’ का वजन बढ़ाएगी। इंपल्स पैक वह होता है, जिसे देखकर उपभोक्ता अचानक बिना सोचे-समझे खरीद लेता है।
कंपनियों पर रहेगी सरकार की नजर
वित्त मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि सरकार जल्द ही गाइडलाइन ला सकती है, ताकि कंपनियां ‘अनजाने में मुनाफाखोरी’ न करें। वहीं, डाबर इंडिया के सीईओ मोहित मल्होत्रा ने भरोसा जताया कि कंपनियां (Tax Cut Benefit) का फायदा जरूर ग्राहकों तक पहुंचाएंगी, जिससे खपत में इजाफा होगा।
कीमतों में बदलाव की जरूरत क्यों
पिछले हफ्ते हुई 56वीं जीएसटी काउंसिल मीटिंग में टैक्स सिस्टम को आसान करने के लिए बड़े बदलाव किए गए। अब स्टैंडर्ड रेट 18% और मेरिट रेट 5% होगी। कुछ चुनिंदा सामान और सेवाओं पर 40% डी-मेरिट रेट भी लगेगी। ज्यादातर रोजमर्रा के सामान अब 5% टैक्स स्लैब में आ गए हैं। सरकार का निर्देश है कि कंपनी टैक्स रेट में कटौती का फायदा ग्राहकों तक पहुंचाएं। यह (Market Strategy Shift) कंपनियों की भविष्य की रणनीति तय करेगा।