नई दिल्ली। post office savings schemes: भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट में कटौती के बाद सभी सरकारी और निजी बैंकों ने फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज दरें कम कर दी हैं। इसके कारण, अब एफडी पर कम रिटर्न मिल रहा है। ऐसे में अगर आप एफडी से ज्यादा रिटर्न चाहते हैं तो पोस्ट ऑफिस सेविंग्स स्कीम का रुख कर सकते हैं। हम आपको 5 पोस्ट ऑफिस बचत योजनाओं के बारे में बता रहे हैं, जहां आप निवेश कर बैंक एफडी से ज्यादा रिटर्न पा सकते हैं। आइये उन निवेश योजनाओं के बारे में जानें।
सुकन्या समृद्धि योजना
सुकन्या समृद्धि योजना में न्यूनतम निवेश 250 रुपये और अधिकतम निवेश 1.5 लाख रुपये प्रति वर्ष है, जिस पर 8.20 प्रतिशत की ब्याज दर मिलती है। यह योजना बालिका के नाम पर खाता खोलने की अनुमति देती है और धारा 80सी के अंतर्गत कर छूट प्रदान करती है। खाता खोलने की तारीख से 15 वर्ष तक राशि जमा की जा सकती है।
वरिष्ठ नागरिक बचत योजना
वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (एससीएसएस) 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए एक सरकारी बचत योजना है। आप इसमें न्यूनतम 1,000 रुपये और अधिकतम 30 लाख रुपये निवेश कर सकते हैं। वरिष्ठ नागरिक बचत योजना पांच साल की जमा पर 8.20 प्रतिशत की ब्याज दर की पेशकश कर रही है। यह धारा 80सी के अंतर्गत कर लाभ भी प्रदान करता है। इस योजना की अवधि 5 वर्ष है, जिसे 3 वर्ष के लिए बढ़ाया जा सकता है।
सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ)
पब्लिक प्रोविडेंट फंड, जिसमें न्यूनतम 500 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख रुपये का निवेश किया जा सकता है। इस पर वर्तमान में 7.10 प्रतिशत की ब्याज दर मिल रही है। इसकी अवधि 15 वर्ष है और यह धारा 80सी के अंतर्गत कर लाभ और कर-मुक्त रिटर्न प्रदान करता है। पीपीएफ खाते में ऋण और आंशिक निकासी की सुविधा भी उपलब्ध है।
किसान विकास पत्र
किसान विकास पत्र में न्यूनतम 1,000 रुपये का निवेश किया जा सकता है तथा अधिकतम निवेश की कोई सीमा नहीं है। इस पर 7.50 प्रतिशत ब्याज मिलता है। इस निवेश को ढाई साल बाद निकाला जा सकता है और इस पर कोई कर लाभ नहीं मिलता है। कोई भी भारतीय नागरिक या नाबालिग किसान किसान विकास पत्र खरीद सकता है।
एनएससी
5 वर्षीय एनएससी, जिसमें न्यूनतम 1,000 रुपये का निवेश आवश्यक है तथा अधिकतम निवेश की कोई सीमा नहीं है। इस पर 7.70 प्रतिशत की दर से ब्याज मिल रहा है। यह धारा 80सी के अंतर्गत कर लाभ प्रदान करता है तथा टीडीएस कटौती प्रदान नहीं करता है। यह योजना भारत सरकार द्वारा समर्थित है, इसलिए यह सुरक्षित निवेश का विकल्प है। कुछ शर्तों के साथ समयपूर्व निकासी की भी अनुमति है, लेकिन इसमें ब्याज दर कम हो जाती है।