Fear of conspiracy behind stampede in Mahakumbh: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दिन मची भगदड़ की घटना के पीछे किसी साजिश की आशंका व्यक्त की जा रही है। उत्तरप्रदेश सरकार ने भगदड़ की घटना की न्यायिक जांच के साथ ही उत्तरप्रदेश एसटीएफ को भी जांच की जिम्मेदारी सौंपी है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि भगदड़ की घटना के दिन एक पथ में सवार होकर कुछ लोग वहां पहुंचे थे और उन्होंने ही बेरीकैट तोड़ा था।
सीसीटीवी के फुटेज भी खंगाले जा रहे हैं। इस जांच के बाद भी स्पष्ट हो पाएगा कि भगदड़ की घटना आखिर क्यों हुई। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि भगदड़ की घटना की हर पहलू से जांच की जा रही है और यदि इस घटना के पीछे किसी की साजिश पाई जाती है तो दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
गौरतलब है कि भगदड़ के बाद कुछ प्रत्यक्ष दर्शियों ने भी ऐसे बयान दिये थे कि कुछ लोग नारेबाजी करते हुए अचानक आये थे और वहां सोये हुए श्रद्धालुओं को कुचलकर आगे बढ़ गये थे इसी के बाद वहां भगदड़ की स्थिति निर्मित हो गई थी। हालांकि घटना के तत्काल बाद वहां पुलिस पहुंच गई और स्थिति को नियंत्रित कर लिया जिससे और बड़ी घटना नहीं हो पाई। पुलिस और मेडिकल स्टाफ की तत्परता के कारण इस भगदड़ में घायल हुए लोगों को तत्काल अस्पताल भेजा गया।
गौरतलब है कि उत्तरप्रदेश सरकार ने इस भगदड़ मेें 30 श्रद्धालुओं के मौत की पुष्टि की है लेकिन इसे लेकर भी विपक्षी पार्टियों के नेता सवालिया निशान लगा रहे हैं इस भगदड़ में हजारों लोगों के मारे जाने की आशंका जता रहे हैं जिसका उत्तरप्रदेश सरकार ने खंडन किया है इसके बाद भी संसद के बजट सत्र में विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने भगदड़ में हजारों लोगों के मारे जाने की संभावना व्यक्त की है राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े ने भी प्रयागराज महाकुंभ में मची भगदड़ में हजारों लोगों के मारे जाने की आशंका व्यक्त की थी।
जब सत्तापक्ष ने उनके वक्तव्य का विरोध किया तो उन्होंने कह दिया कि यह उनकी आशंका है। सरकार सच्चाई बताये कि कितने लोग मारे गये थे वे अपने बयान के लिये माफी मांग लेंगे। जबकि उत्तरप्रदेश सरकार ने पहले ही मृतकों के आंकडे जारी कर दिये हैं जिसके मुताबिक 30 श्रद्धालुओं की ही मौत हुई है। किन्तु इस आंकड़े को विपक्षी नेता झूठा करार दे रहे हैं।
राज्यसभा की एक और सदस्य तथा समाजवादी पार्टी की नेत्री जया बच्चन ने तो इस घटना को लेकर और भी विवादास्पद बयान दिया है उन्होंने कहा है कि भगदड़ में हजारों लोग मारे गये थे जिनकी लाशों को गंगा में बहा दिया गया या वहीं रेत में दफना दिया गया जिसकी वजह से संगम में पानी दूषित हो गया है। ऐसे ही बयान समाजवादी पार्टी के एक और सांसद रामगोपाल यादव ने भी दिया है।
उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव भी लगातार मृतकों की संख्या को लेकर योगी सरकार पर हमले कर रहे हैं इनके आरोपों में कितनी सच्चाई है वह इसी से स्पष्ट है कि भगदड़ की घटना के दिन वहां लाखों श्रद्धालु मौजूद थे और घटना के तत्काल बाद खबरिया चैनल वाले भी वहां पहुंच गये थे।
ऐसी भारी भीड़ के बीच और मीडिया की मौजूदगी के बाद भी हजारों लोगों के शवों को आखिर कैसे गंगा में बहाया जा सकता है या गंगा के किनारे उन्हें दफनाया जा सकता है। जाहिर है इस घटना को विपक्षी नेता सियासत कर रहे हैं और अफवाह फैला रहे हैं यदि उनके पास इसके प्रमाण हैं तो उसे सामने रखें कुल मिलाकर भगदड़ की घटना को लेकर सियासत की जा रही है जो कतई उचित नहीं है। इस घटना की जांच की रिपोर्ट तक सभी संयम बनाकर रखना चाहिए।