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Experiment : गोबर के इको फ्रेंडली गुलाल से रंगीन होगी होली

Experiment: Holi will be colored with cow dung's eco-friendly gulal

Experiment

रायपुर/नवप्रदेश। Experiment : फूलों से बने हर्बल गुलाल से होली सबने खेली होगी, लेकिन छत्तीसगढ़ में इस बार गोबर के बने गुलाल से होली रंगीन होगी। देश में गोबर से गुलाल बनाने का यह अभिनव प्रयोग पहली बार किया गया है।

प्रदेश के दूरस्थ दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा जिले की सांई बाबा स्व सहायता समूह की महिलाएं कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों के मार्गदर्शन में गोबर से गुलाल तैयार कर रही हैं। इससे पहले महिलाओं ने फूल, सब्जियों से गुलाल तैयार किया था। प्रदेश में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा गोधन के माध्यम से आर्थिक समृद्धि की तैयार की गई राह से प्रेरित होकर महिलाओं ने गोबर से हर्बल गुलाल तैयार किया हैै, जिसे ’गोमय हर्बल गुलाल’ नाम दिया गया है।

आपको बता दे कि, CM बघेल ने (Experiment) इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के परिसर में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय किसान मेला में  12 मार्च को गोमय गुलाल लांच किया था।

गोमय गुलाल को छतीसगढ़ के अलग-अलग जिलों में बिक्री के लिए भेजा जा रहा है। एनएमडीसी बैलाडीला, बचेली, कलेक्टेड परिसर दंतेवाड़ा, रायपुर के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में लगे स्टॉल में भी इसे बेचा जा रहा है इसके साथ ही इसकी खरीदी ऑनलाइन भी की जा सकती है।


औषधीय गुणों से भरपूर है

कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ नारायण साहू ने बताया कि गोमय हर्बल गुलाल प्रसंस्कृत गोमय (गोबर), प्रसंस्कृत वर्मी कम्पोस्ट और हल्दी, चंदन, चुकन्दर, कत्था, अरारोट, अपराजिता, सिंदूरी, मेंहदी तथा प्राकृतिक पदार्थों का हस्त निर्मित रंग संयोजन है। यह औषधीय गुणों से भरपूर है। यह एंटी रेडिएशन, एंटी बैक्टेरियल गुणों से युक्त है। यह सुगंधित है और त्वचा को ठंडकता प्रदान करता है। बालों और त्वचा की धुलाई, सफाई करता है।

इको और ह्यूमन फ्रेंडली है

यह गुलाल पूर्णत इकोफ्रेंडली (Experiment) और हयूमन फ्रेंडली है। यह महिलाओं के आय सृजन हेतु कम लागत में तैयार किया गया है जो गोठानों के शुद्ध गोबर से बनाया गया है। सांई बाबा स्वसहायता समूह में 20 महिलाए जुड़ी है। कृषि विज्ञान केन्द्र से जुड़कर विभिन्न तरीके से गुलाल बनाने के साथ गोबर से गुलाल बनाकर समूह की दीदियां काफी उत्साहित हैं। समूह की  शांति कश्यप, पूजा बघेल सहित अन्य महिलाओं ने बताया कि गोबर से गुलाल बनाने की जब बात आई तो हमने भी उत्साहित होकर काम किया। डॉ नारायण साहू ने बताया कि इससे महिलाओं को अच्छी आय प्राप्त हो रही है।

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