Expansionist Policy : विस्तारवादी नीति के पोषक चीन ने एक बार फिर भारत में घुसपैठ की नाकाम कोशिश की है लेकिन भारतीय सेना के जाबांज जवानों ने चीनी सैनिकों को पीछे ढकेल कर उसे एक और झटका दे दिया है। पहले डोकलाम में और फिर उसके बाद गलवान घाटी में भी चीनी सैनिकों ने घुसपैठ की थी और भारतीय सेना के जवानों के साथ उनकी झड़प हुई थी। इसके बाद चीनी सैनिकों को वहां से भागना पड़ा था। इस बार चीनी सैनिकों ने अरूणाचल प्रदेश के तवांग में घुसपैठ करने की कोशिश की लेकिन सीमा पर सतर्क भारतीय सेना ने चीनी सैनिकों के दंात खट्टे कर दिए।
नतीजतन लगभग ३०० की संख्या में चीनी सैनिकों को दुम दबाकर भागना पड़ा। हालांकि इस झड़प में ७-८ भारतीय सैनिक भी घायल हो गए लेकिन पचास से ज्यादा चीनी सैनिक घायल (Expansionist Policy) हुए। जिनमें से कुछ की तो हड्डी पसली भी टूट गई है। भारतीय सेना के इस पराक्रम के सामने एक बार फिर चीन को घुटने टेकने पड़े है। दरअसल चीन तवांग पर स्थित ब्लैक टाप पोस्ट पर कब्जा करना चाहता है जो सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूण है। लगभग १४००० फीट की ऊंचाई पर स्थित इस पोस्ट से भारत चीन सीमा पर ही नहीं बल्कि अकसाई चीन पर भी नजर रखी जा सकती है। यही कारण है कि चीन इस पोस्ट पर कब्जा करने के मंसूबे पाले हुए है लेकिन भारत उसके इस नापाक इरादे को कामयाब नहीं होने दे रहा है।
भारत ने तो अकसाई चीन की सीमा तक जल्द से जल्द सैनिक साजों सामान पहुंचाने के लिए सड़कों और पुलों का भी निर्माण कर लिया हैै जो चीन को रास नहीं आ रहा है। अब यदि कभी भारत और चीन के बीच युद्ध की नौबत आती है जो पलक झपकते ही भारतीय सेना के जवान टैंक और अन्य साजों सामान चीन की सीमा पर पहुंच जाएंगे। चीन भारत की इस बढ़ती ताकत से वाकिफ हो चुका है इसी लिए वह कभी डोकलाम कभी गलवान तो कभी तवांग में इस तरह की उकसावे वाली कार्यवाही करता रहता है। जिसका भारत उसे माकूल जवाब भी दे रहा है लेकिन चालबाज चीन बार बार मुंह की खाने के बाद भी इस तरह की हरकतों से बाज नहीं आ रहा है।
अभी भी उसने सीमा पर तनाव बढ़ाने के लिए चीनी सैनिकों की संख्या में ६० प्रतिशत तक की वृद्धि कर दी है। जवाब में भारत ने भी अरूणाचल प्रदेश से लेकर सिक्किम तक की सीमा पर अपने सैनिकों की संख्या बढ़ा दी है और भारतीय सेना पुरी चौकसी बरत रही है ताकि चीन की किसी भी चाल का मुंहतोड़ जवाब दिया जा सकें। इधर चीन की इस हरकत को लेकर विपक्ष ने संसद में सरकार को घेरने की कोशिश की है और केन्द्र सरकार पर आरोप लगाया है कि उसकी कमजोरी के कारण चीन ने घुसपैठ की है।
इसका जवाब देते हुए केन्द्रीय रक्षामंत्री (Expansionist Policy) ने सदन को आश्वस्त किया है कि भारतीय सेना ने चीनी सैनिकों के घुसपैठ की कोशिश को नाकाम किया है और भारत चीन को एक इंच जमीन भी नहीं लेने देगा। सरकार के इस बयान पर विपक्ष ने उंगली उठाई है जो उचित नहीं है। ऐसे समय में सत्तापक्ष और विपक्ष को साथ मिलकर देश की सेना के साथ खड़े होना चाहिए और भारतीय सेना के शौर्य पर गर्व कर उनका हौसला बढ़ाना चाहिए।