Escape from Kashmir : नब्बे के दशक में कश्मीर में हिन्दुओं पर जो अत्याचार हुआ था जिसके चलते लाखों हिन्दु आज तक अपने ही घर में बेगाने होकर रह गए है। वे आज भी कर रहे है लेकिन उनके साथ न्याय नहीं हो पा रहा है। कश्मीर से पलायन के लिए बाध्य हुए हिन्दुओं की पीढ़ा को अभिव्यक्त करने के लिए एक फिल्म कश्मीर फाईल्स हाल ही में प्रदर्शित हुई है। इस फिल्म को लेकर भी अनावश्यक रूप से विवाद खड़ा किया जा रहा है।
बॉलीवुड के कथित नामधारी फिल्मकार इस फिल्म को मिल रही सफलता से आश्चर्यचकित है। सोनी टीवी पर आने वाले कपिल शर्मा के कार्यक्रम में इस फिल्म का प्रमोशन नहीं किया गया। इसके बावजूद इस फिल्म का जादू लोगों के सिर पर चढ़कर बोल रहा है। शुरू में इस फिल्म को देशभर में सिर्फ ६४० स्क्रीन ही सुलभ कराई गई थी। कई राज्यों में तो इस फिल्म के प्रदर्शन का विरोध भी हुआ।
इस फिल्म (Escape from Kashmir) के विराधियों के मुताबिक द कश्मीर फाईल्स के प्रदर्शन से दो समुदायों के बीच वैमनस्यता बढ़ेगी। बहरहाल अब फिल्म जबरदस्त सफलता हासिल कर रही है और जिन थियेटरों में यह फिल्म दिखाई जा रही है वो हाउसफूल चल रहे है और सिनेमाहाल के अंदर जय हिंद और वंदेमातरम् के नारे गूंज रहे है। कश्मीर के हिन्दुओं पर उस दौरान जो अमानसिक अत्याचार हुए थे और उनके साथ कू्ररता की गई थी उसका सजीव चित्रण देखकर दर्शकों की आंखे नम हो रही है।
बहरहाल इस फिल्म ने एक बार फिर पुराने जख्मों को हरा कर दिया है और अब कश्मीर से विस्थापित लाखों हिन्दुओं को यह उम्मीद बंधी है अब उनके साथ न्याय होगा और वे वापस फिर कश्मीर जा सकेंगे। दरअसल कश्मीरी हिन्दुओं को कश्मीरी पंडित कहकर इस मामले को दूसरा रंग देने की कोशिश की गई और सच्चाई पर दशकों तक पर्दा डाल कर रखा गया।
आज की युवा पीढ़ी (Escape from Kashmir) यह जानती भी नहीं है कि उस दौरान कश्मीर में हिन्दुओं को कितनी पीड़ा भोगनी पड़ी थी और कैसे उन्हे पलायन के लिए विवश होना पड़ा था। द कश्मीर फाईल्स फिल्म ने इस कड़वे सच को सामने ला दिया है। अब उन हिन्दुओं ही पीड़ा दूर हो यह उम्मीद की जानी चाहिए।