Economic blockade against Pakistan: भारत ने आतंक का पर्याय बन चुके पड़ौसी देश पाकिस्तान के खिलाफ अब आर्थिक नाकेबंदी की शुरूआत कर दी है। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से भारत लगातार पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्यवाही कर रहा है। जल प्रहार के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ वायु प्रहार किया। सिन्धु जल समझौता स्थगित करने के बाद पाकिस्तान में भयावह जल संकट की स्थिति निर्मित होने की संभावना को देखते हुए पाकिस्तान बौखला गया और उसने भारत को जंग की धमकी देनी शुरू कर दी और अपने ही हाथों अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारते हुए पाकिस्तान ने अपना एयर स्पेस भारत के लिए बंद कर दिया।
जवाब में भारत ने भी पाकिस्तान पर वायु प्रहार किया और अपना एयर स्पेस भी पाकिस्तान के लिए बंद कर दिया। नतीजतन पाकिस्तान के लिए अब मुसीबत खड़ी हो गई है। पाकिस्तानी ट्रेनों को अब चीन का पूरा चक्कर लगाकर अन्य देशों में जाना पड़ रहा है इसलिए वहां अब हवाई यात्रा कई गुना महंगी हो गई है। पाकिस्तान और भारत के एयर स्पेस बंद होने से हालांकि भारत को भी थोड़ी दिक्कत हो रही है लेकिन पाकिस्तान को ज्यादा नुकसान उठाना पड़ रहा है।
पाकिस्तान को प्रतिदिन तीन लाख डॉलर का नुकसान हो रहा है इसके बाद अब भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ डिजिटल स्ट्राइक कर दी और पाकिस्तानी हुक्मरानों के अलावा पाकिस्तानी क्रिकेटरों अभिनेताओं और गायकों के यूट्यूब चैनल पर भी प्रतिबंद्ध लगा दिया। इनके भारत में भी लाखों फालोअर हैं जिनकी बदौलत इन्हें यूट्यूब से मोटी कमाई होती रही है। लेकिन भारत की डिजिटल स्ट्राइक से अब उन्हें नुकसान उठाना पड़ेगा। भारत ने अब पाकिस्तान के खिलाफ फाइनेंशियल स्ट्राइक करने की कवायद शुरू कर दी है। भारत ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष(आईएमएफ) से पाकिस्तान को दिए गये कर्ज की समीक्षा कराने की मांग की है। साथ ही भारत ने पाकिस्तान को वित्तिय कार्यवाही कार्यबल (एफएटीएफ) की ग्रे सूची में शामिल कराने की कोशिश भी तेज कर दी है।
गौरतलब है कि इसके बैठक नौ मई को होने जा रही है जिसमेें पाकिस्तान को एक दशमलव तीन अरब डॉलर का कर्ज मिलने वाला है। भारत की कोशिश है कि पाकिस्तान को यह कर्ज न मिले। भारत यह तर्क दे रहा है कि पाकिस्तान एसीआई बैंक और विश्व बैंक सहित अन्य अंतर्राष्ट्रीय वित्त संस्थानों से मिलने वाली सहायता राशि तथा कर्ज का उपयोग आतंकवाद को बढ़ावा देने में करता रहा है इसलिए उसे आर्थिक मदद न दी जाये इस दिशा में भारत को पहली सफलता उस समय मिल गई जब फाइनेंशल एक्शन टास्क फोर्स(फीफा) में शामिल 40 देशों में से 25 देश भारत के समर्थन में आ गये और उन्होंने पाकिस्तान के प्रति भारत के रूख का समर्थन करते हुए पाकिस्तान को आर्थिक सहायता न देने की मांग कर दी।
इस बीच भारत ने पाकिस्तान के साथ अपने सभी व्यापारिक संबंध भी खत्म करके पाकिस्तान को तगड़ा झटका दे दिया है। गौरतलब है कि भारत पाकिस्तान से सिर्फ सेन्धा नमक आयात करता है और इसके बदले पाकिस्तान को जीवन रक्षक दवाइयां देता रहा है। दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध खत्म होने से भी भारत को कोई खास परेशानी नहीं होगी। लेकिन पाकिस्तान के लिए भारी मुसीबत पैदा हो जाएगी। खासतौर पर आवश्यक दवाइयां न मिलने से पाकिस्तान को भारी परेशानी उठानी पड़ेगी। भारत की इस आर्थिक नाकेबंदी के चलते पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था जो पहले ही पटरी से उतरी हुई है अब वह पूरी तरह से ध्वस्त हो जाएगी।
भारत की कूटनीतिक स्ट्राइक के चलते पाकिस्तान पहले ही दुनिया में अलग-थलग पड़ चुका है। पाकिस्तानी शाहबाज शरीफ भीख का कटोरा लेकर दर-दर भटक रहे हैं लेकिन कोई देश उनकी मदद के लिए अपने हाथ आगे नहीं बढ़ा रहा है यहां तक की इस्लामिक देशों ने भी अपना हाथ खींच लिया है। सिर्फ टर्की ही पाकिस्तान के साथ खड़ा हुआ है लेकिन वह छोटा सा देश भला पाकिस्तान की कितनी मदद कर पाएगा। पाकिस्तान आर्थिक रूप से दिवालिएपन की कगार पर पहुंच चुका है और उसके सिर पर अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों का इतना ज्यादा कर्ज हो चुका है कि वह आज की तारीख में उस कर्ज का ब्याज चुकानी की भी स्थिति में नहीं है और यदि ऐसे में भारत और पाकिस्तान के बीच खुदा न खास्ता जंग हो जाती है तो पाकिस्तान आर्थिक रूप से इस कदर बदहाल हो जाएगा की वह किसी का कर्ज कभी नहीं चुका पाएगा।
ऐसी स्थिति में कोई भी देश पाकिस्तान को आर्थिक मदद देने का जोखित भला क्यों उठाएगा। जाहिर है भारत ने बगैर एक भी गोली चलाये पाकिस्तान को घुटनों पर लाने के लिए उसके खिलाफ जो फाइनेंशियल स्ट्राइक शुरू की है उसका खामियाजा पाकिस्तान को भुगतना पड़ेगा वहां के हुक्मरानों और सेना के अफसरों का तो कोई अहित न नहीं होगा क्योंकि उन्होंने तो करोड़ों रूपए की काली कमाई कर रखी है लेकिन पाकिस्तान की आवाम का जीना मुहाल हो जाएगा जा पहले ही दैनिक उपयोग की आवश्यक वस्तुओं के बढ़ते दामों के कारण परेशान हैं।
ऐसे में महंगाई की मार से आहत पाकिस्तान की जनता निकट भविष्य में अपनी ही सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरकर उग्र आंदोलन के लिए बाध्य हो सकती है और इससे पाकिस्तान में गृह युद्ध की संभावना उत्पन्न हो सकती है। कुल मिलाकर भारत ने पाकिस्तान पर आर्थिक शिकंजा कसना शुरू करके पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर करारा प्रहार करने की जो कवायद शुरू की है उसका दुष्परिणाम भुगतना भी पाकिस्तान के लिए भारी पडऩे वाला है।