Dismissed from Cabinet : पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने अपनी सरकार में शामिल स्वास्थ्य मंंत्री डॉ. विजय सिंगला को रिश्वत मांगने के आरोप में अपने मंत्रीमंडल से बर्खास्त कर दिया है। यही नहीं बल्कि मुख्यमंत्री ने यह मामला जांच के लिए एंटी करप्शन ब्यूरो को सौंप दिया है जिसमें डॉ विजय सिंगला और उनके ओएसडी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। उक्त मंत्री पर स्वास्थ्य विभाग के ठेके देने के लिए एक प्रतिशत कमीशन की मांग की जाती थी।
इस बारे में जब मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के पास शिकायत पहुंची तो उन्होने बकायदा जाल बिछाया जिसमें डॉ विजय सिंगला फंस गए और मुख्यमंत्री के सामने अपनी रिश्वतखोरी की बात कबूल कर ली। इसके तत्काल बाद उन्हे मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के इस काम की जमकर तारीफ हो रही है। होनी भी चाहिए। आज जब हम भ्रष्टन के भ्रष्ट हमारे वाली नीति चल रही हो तब किसी भ्रष्ट मंत्री के खिलाफ इस तरह की कड़ी कार्यवाही की उम्मीद नहीं की जाती है।
भगवंत सिंह मान भी चाहते तो रिश्वतखोर मंत्री (Dismissed from Cabinet) के खिलाफ कार्यवाही नहीं करते और उसे कड़ी चेतावनी देकर बख्श सकते थे लेकिन उन्होने ऐसा नहीं किया और रिश्वतखोर मंत्री को अपने मंत्रीमंडल से बाहर का रास्ता दिखाकर जेल भिजवा दिया। गौरतलब है कि नई दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी सात साल पहले अपने मंत्रीमंडल से आसिफ अहमद नामक खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री को भ्रष्टाचार के आरेाप में मंत्रीमंडल से बर्खास्त किया था।
उस समय अरविंद केजरीवाल की भी तारीफ हुई थी। अब वहीं काम पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने किया है। इससे अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों को प्रेरणा लेनी चाहिए। शासन प्रशासन में व्याप्त भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के लिए संबंधित मंत्री भी जिम्मेदार होते है। भ्रष्टाचार का परनाला ऊपर से नीचे की ओर बहता है।
यदि ऊपर ऊंची कुर्सी पर बैठे भ्रष्ट लोगों के खिलाफ ऐसी कड़ी कार्यवाही होगी तो नीचे के लोग निश्चित रूप से इससे सबक लेंगे और रिश्वतखोरी से तौबा करेंगे लेकिन अकसर देखा जाता है कि रिश्वत खोरी और भ्रष्टाचार के आरोप में पटवारी और बाहु लोगों पर ही कार्यवाही की जाती है। उच्च अधिकारी और मंत्रियों पर तो अपवाद स्वरूप ही कभी कभार ऐसी कार्यवाही हो पाती है।
यदि हमे रिश्वतखोरी (Dismissed from Cabinet) का खात्मा करना है और भ्रष्टाचार मुक्त भारत बनाना है तो रिश्वतखोरों और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ ऊपर से ही कार्यवाही की शुरूआत करनी होगी। इस मामले में नई दिल्ली और पंजाब के मुख्यमंत्री ने जो मिसाल पेश की है उसकी तारीफ करनी होगी और उनके इस कदम का अनुशरण करना होगा तभी स्वस्थ और जवाबदेह प्रशासनतंत्र लोगों की उम्मीदों पर खरा उतर पाएगा।