Discord in Himachal Pradesh : हिमाचल प्रदेश में पांच साल बाद कांग्रेस पार्टी फिर सत्ता में वापस लौट आई है। सुखविंदर सुखू हिमाचल प्रदेश के नए मुख्यमंत्री बन गए है किन्तु मुख्यमंत्री पद की प्रबल दावेदार रही प्रतिभा सिंह अपनी उपेक्षा को लेकर नाराज है। यद्यपि उन्होने कहा है कि पार्टी हाईकमान का फैसला उन्हे मंजूर है लेकिन शपथ ग्रहण समारोह के दौरान वे पूरे समय गुमसुम रही। उनके समर्थक विधायकों और पार्टी कार्र्यकर्ताओं में हाईकमान के फैसले को लेकिन तीव्र असंतोष व्याप्त है। यद्यपि प्रतिभा सिंह गुट को संतुष्ट रखने के लिए मुकेश अग्रीहोत्री को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है लेकिन इसके बावजूद हिमाचल प्रदेश कांग्रेस में कलह की स्थिति बनी हुई है।
ऐसे में सुखविंदर सुखू की सरकार कितनी स्थिर (Discord in Himachal Pradesh) रह पाएगी यह कह पाना मुहाल है। दरअसल हिमाचल प्रदेश के पूर्वमुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह और सुखविंदर सुखू के बीच राजनीतिक लड़ाई लगभग एक दशक से चलती आ रही है। २०१३ में सुखविंदर सुखू को हिमाचल प्रदेश कंाग्रेस कमेटी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था तो उन्होने पार्टी संगठन से वीरभद्र सिंह के समर्थकों को एक एक कर के बाहर कर दिया था। इसके बाद जब वीरभद्र सिंह का निधन हो गया तो उनकी धर्मपत्नि प्रतिभा सिंह के साथ भी सुखविंदर सुखू की राजनीतिक अदावत जारी रही। नतीजतन कांग्रेस हाईकमान ने सुखविंदर सुखू को हटाकर प्रतिभा सिंह को हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बना दिया था।
प्रतिभा सिंह के नेतृत्व में ही यह विधानसभा चुनाव लड़ा गया जिसमें कांग्रेस ने ४० सीटें प्राप्त कर भाजपा को सत्ता से बाहर करने में सफलता हासिल की। प्रतिभा सिंह समर्थकों ने कंाग्रेसी पर्यवेक्षकों के सामने प्रतिभा सिंह को ही मुख्यमंत्री बनाने की मांग को लेकर प्रदर्शन भी किया। बताया जाता है कि प्रतिभा सिंह के समर्थन में १८ विधायक है। इसके बावजूद पार्टी हाईकमान ने सुखविंदर सुखू के नाम पर ही मुहर लगाई है। जाहिर है इससे प्रतिभा सिंह समर्थकों में गहन निराशा व्याप्त है। आगे चलकर उनकी यह निराशा पार्टी में फूट का कारण भी बन सकती है।
ऐसी स्थिति में सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार कागज की उस नांव के समान है जिसका देर तक और दूर तक चल पाना मुश्किल नजर आ रहा है। हालांकि कांग्रेसी नेताओं ने दावा किया है कि हिमाचल प्रदेश में सभी कंाग्रेसी विधायक एकजूट है और वहां सुखविंद सुखू की सरकार पूरे पांच साल तक चलेगी लेकिन वहां कांग्रेस में मची कलह को देखकर लगता है कि सुखविंदर सुखू के लिए सरकार चला पाना (Discord in Himachal Pradesh) मुश्किल ही होगा।