Dirty Politics : उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में जो घटना हुई वह दिल दहलाने वाली है। इस घटना में 8 लोगों की मौत हो गई जिसमें किसान भी है और भाजपा कार्यकर्ता भी है और एक पत्रकार भी शामिल है। निश्चित रूप से यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना है जिसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए और इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए है और मृतकों के परिजनों के लिए ४५-४५ लाख का मुआवजा घोषित कर दिया है वहीं घायलों के लिए १० लाख रूपए की सहायता मंजूर की है।
उन्होने आश्वासन दिया है कि एक सप्ताह के भीतर इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों की गिरफ्तारी हो जाएगी। लखीमपुर खीरी में जो कुछ भी हुआ उसकी जांच के बाद ही इस बात का खुलासा हो पाएगा कि इसके लिए कौन कितना जिम्मेदार है। जब तक जांच प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती तब तक सभी को शांति बनाएं रखने की आवश्यकता है। विपक्षी पार्टियों को भी संयम का परिचय देना चाहिए। लाशों पर राजनीति करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए क्योंकि इससे वहां माहौल और खराब हो सकता है किन्तु विपक्षी दलों के नेताओं में सबसे पहले लखीमपुर खीरी पहुंचने की होड़ लग गई थी।
इन विपक्षी नेताओं को यूपी पुलिस ने वहां जाने से रोका, कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया गया। यह ठीक है कि ऐसी किसी भी हृदय विदारक घटना के बाद पीडि़तों के पास पहुंचाना और उनके आंसू पोछना राजनीतिज्ञों (Dirty Politics) का कर्तव्य है और उन्हे ऐसा करने का अधिकार भी है लेकिन घटना के तत्काल बाद वहां विपक्षी नेताओं का जमावड़ा लगने से स्थिति बिगडऩे का अंदेशा रहता है यही वजह है कि नेताओं को वहां पहुंचने से रोका जाता है।
इस बात को लेकर बात का बतंगड़ नहीं बनाया जाना चाहिए, जब सरकार और किसान संगठनों के बीच सुलह हो गई है और यूपी सरकार ने पीडि़त पक्ष की लगभग सभी मांगे मान ली है तो फिर सुलह के बाद भी लखिमपुर खीरी को सुलगाने की कोशिश कतई उचित नहीं है। उम्मीद की जानी चाहिए कि मामले की न्यायिक जांच के बाद दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा और इस घटना के लिए जिम्मेदार लोग चाहे वे कितने भी प्रभावशाली क्यों न हो उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी।
इसके साथ ही न सिर्फ उत्तर प्रदेश सरकार को बल्कि उन राज्यों की सरकारों को भी जहां किसान आंदोलन तेज हो रहा है वहां विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है ताकि निकट भविष्य में और कहीं लखीमपुर खीरी (Dirty Politics) घटना की पुनरावृत्ति न हो पाएं।