Diplomatic strike against Pakistan: भारत और पाकिस्तान के बीच भले ही अस्थाई संघर्ष विराम हो गया है लेकिन भारत पाकिस्तान के खिलाफ पूरी ताकत से कूटनीतिक स्ट्राइक कर रहा है। पाक के नापाक इरादों का पर्दाफाश करने के लिए भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल दुनिया के 33 देशों के दौरे पर निकल चुका है। जहां संसादों का यह डेलिगेशन डोजियर के माध्यम से पाक के काले कारनामों का पूरा कच्चा चिट्ठा पूरे सबूत के साथ पेश करेगा और आतंकवाद के खिलाफ दुनिया का समर्थन जुटाएगा।
भारत की देखा देखी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने भी दुनिया के कुछ देशों में संसदीय प्रतिनिधिमंडल भेजने का निर्णय लिया है, जो दुनिया के सामने अपनी सफाई पेश करेगा और भारत द्वारा सिंधु जल समझौता स्थगित किये जाने के कारण पाकिस्तान को होने वाली दिक्कतों का रोना रोएगा। पाकिस्तान ने भारत की नकल जरूर की है लेकिन अपनी अकल नहीं लगाई है। पाकिस्तान ने पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो की अगुवाई में जो प्रतिनिधिमंडल बनाया है, उसमें विपक्षी पार्टी ने संसदों को शामिल ही नहीं किया है।
नतीजतन, पाकिस्तान की संसद ने विपक्षी नेता प्रतिनिधिमंडल को लेकर अपना विरोध जता रहे हैं। रही बात बिलावल भुट्टो की तो वे किसी मशखरे से कम नहीं हैं। वे पाकिस्तान की बात दुनिया के सामने कैसे रहेंगे। इसे लेकर भी पाकिस्तान की विपक्षी पार्टियां सवाल उठा रही हैं। पाकिस्तान के खिलाफ भारत की यह कूटनीतिक कार्यवाही जारी है। वहीं पाकिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भी मुंह की खानी पड़ रही है।
पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र संघ में भारतीय सेना द्वारा चलाये गए आरपेशन सिंदूर का मुद्दा उठाया लेकिन भारत ने वहां पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देकर उसकी बोलती बंद कर दी। संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत ने दो टूक शब्दों में कहा कि पाकिस्तान आतंकवादियों का का अड्डा बन चुका है और लगातार वह भारत में आतंकवाद की आग को हवा देता रहा है। यही वजह है कि पहलगाम की घटना के बाद भारत ने पाकिस्तान के आतंकी अड्डों को खत्म किया है। भारत ने यह भी कहा कि सिंधु जल संधि को लेकर पाकिस्तान व्यर्थ का बवाल खड़ा कर रहा है।
संयुक्त राष्ट्र संघ की तरह ही पाकिस्तान को मुस्लिम देशों के संगठन ओआईसी में भी मुस्लिम देशों के भी विरोध का सामना करना पड़ा है। पाकिस्तान ने ओआईसी के सामने कश्मीर को लेकर एक प्रस्ताव रखा था। जिसका सर्वाधिक मुस्लिम आबादी वाले देश इंडोनेशिया सहित तीन मुस्लिम देशों ने कड़ा विरोधा किया, नतीजतन पाकिस्तान का प्रस्ताव गिर गया। कुल मिलाकर भारत की कूटनीतिक स्ट्राइक के चलते पाकिस्तान को अंतराष्ट्रीय मंचों पर भी मात खानी पड़ रही है।