Deputy CM : नई दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को बहुचर्चित शराब घोटाले के मामले में आखिरकार सीबीआई ने गिरफ्तार कर ही लिया। लगभग एक साल की जांच पड़ताल के बाद सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को पूछताछ के लिए अपने दफ्तर में तलब किया और फिर उन्हे गिरफ्तार कर लिया।
इसके पहले मनीष सिसोदिया ने रोड शो निकालकर शक्ति प्रदर्शन किया और विक्टिम कार्ड भी खेला। उन्हे पता था कि उनकी गिरफ्तारी होनी ही है। नई दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तो पहले से ही यह संभावना जताते रहे है कि मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया जाएगा। सही बात है अपराधि और अपराधि के संरक्षक को यह पता होता है कि अपराध का अंजाम क्या होने वाला है।
मनीष सिसोदिया के खिलाफ सीबीआई (Deputy CM) को पुख्ता प्रमाण मिले है तभी उसने एक डिप्टी सीएम पर हाथ डालने का साहस किया है। मनीष सिसोदिया पर शराब घोटाले मामले में भ्रष्टाचार करने और सबूतों को मिटाने का आरोप लगाया गया है। जाहिर है मनीष सिसोदिया भी अब लंबे से जेल जाएंगे। हालंाकि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के तमाम नेता अभी भी इसी बात की दुहाई दे रहे है कि मनीष सिसोदिया बेकसूर है और उनके खिलाफ केन्द्र सरकार ने विद्वेश की भावना से प्रेरित होकर बदले की कार्यवाही की है। आप नेता यही राग अलाप रहे है कि मनीष सिसोदिया ने शिक्षा के क्षेत्र में बहुत अच्छा काम किया है जिसकी वजह से दिल्ली के स्कूलों का कायाकल्प हुआ है।
हो सकता है मनीष सिसोदिया ने शिक्षा मंत्री के रूप में अच्छा काम किया हो लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आबकारी मंत्री के रूप में किए गए उनके घोटालों की अनदेखी कर दी जाएं। अब आम आदमी पार्टी के नेता और कार्यकर्ता सड़क पर ऊतर आए है और मनीष सिसोदिया को निर्दोष बताते हुए केन्द्र सरकार पर निशाना साध रहे है लेकिन उनकी यह सारी नौटंकी किसी काम नही आएगी कानून अपना काम करेगा।
गौरतलब है कि इसके पूर्व केजरीवाल सरकार के जेल मंत्री सत्येन्द्र जैन भी भ्रष्टाचार के मामले में जेल की हवा खा रहे है। अब मनीष सिसोदिया भी जेल पहुंचने जा रहे है। यही वहीं आम आदमी पार्टी है जो भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई करने के नाम पर नई दिल्ली की सत्ता पर काबिज हुई थी और इसी पार्टी के नेता अब भ्रष्टाचार के आरोप में धरे जा रहे है, इसे ही कहते है हाथी के दांत खाने के और दिखाने के और। अब तो खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी भविष्य में अपनी गिरफ्तारी की आशंका जतानी शुरू कर दी है।
यदि वो भी भ्रटाचार में संलिप्त पाए जाएंगे तो उनके खिलाफ भी कार्यवाही होनी ही है। खुद अपनी पीठ थपथपाने और खुद को कट्टर ईमानदार बताने से गुनाह बख्शे नहीं जाते। बेहतर होगा कि मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी पर तमाशा खड़ा करने की जगह आम आदमी पार्टी कानून का सम्मान करे। यदि मनीष सिसोदिया (Deputy CM) वाकई बेगुनाह है तो उन्हे कोर्ट पर भरोसा रखना चाहिए। जहां दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।