Delhi’s election riot would have been interesting: नई दिल्ली विधानसभा का चुनावी दंगल दिलचस्प होता जा रहा है। सत्तारूढ़ आम आमदी पार्टी और भाजपा के साथ ही कांग्रेस ने भी अपने अपने चुनावी घोषणा पत्रों में मुफ्तखोरी को बढ़ावा देने वाली घोषणाओं की भरमार कर दी है। वहीं तीनों ही पार्टियों के नेता एक-दूसरे पर जमकर निशाना साध रहे हैं।
इस बीच आम आदमी पार्टी ने मीडिल क्लास के लिए अपना घोषणापत्र जारी किया है और केन्द्र सरकार के सामने 7 मांगे रखी है। उन्होंने आरोप लगाया है कि केन्द्र सरकार ने मीडिल क्लास को अपना एटीएम बनाकर रखा है। जिनके टैक्स के पैसों से सरकार खजाना भरता है लेकिन केन्द्र सरकार इस मीडिल क्लास के लिए कुछ नहीं करती। उन्होंने मांग की है कि मीडिल क्लास के बच्चों के लिए भी नि:शुल्क शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधा सुलभ कराई जानी चाहिए। साथ ही इनकम टैक्स की सीमा में छूट को 7 लाख से बढ़ाकर 10 लाख किया जाना चाहिए और आवश्यक वस्तुओं से जीएसटी हटाई जानी चाहिए।
अरविंद केजरीवाल ने मीडिल क्लास के वोटों को साधने के लिए घोषणा की है कि उनकी पार्टी सड़क से लेकर संसद तक मीडिल क्लास की आवाज को बुलन्द करेगी। गौरतलब है कि सभी राजनीतिक पार्टियां अपने चुनावी घोषणापत्रों में गरीबों को ही रियायत देने वाली घोषणाएं करती हैं। मीडिल क्लास की कोई सुध नहीं लेता।
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने मीडिल क्लास की चिंता कर नया दांव चला है। इससे उन्हें मीडिल क्लास का कितना समर्थन मिल पाएगा यह तो आने वाला वक्त ही बताएग। इधर आम आदमी पार्टी की रेवड़ी बांटने वाली योजनाओं पर कटाक्ष करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा है और कहा है कि दिल्ली के दंगल में अपनी हार से डरी हुई आम आदमी पार्टी नित नई घोषणाएं कर रही है।
जबकि उसने आयुषमान जैसी केन्द्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से दिल्ली के बाशिंदों को वंचित रखने का पाप किया है। कांग्रेस पार्टी भी पूरे दमखम के साथ मैदान में उतर गई है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भी अब नई दिल्ली विधानसभा चुनाव में सक्रिय हो गये हैं और रेैली करके आम आदमी पार्टी तथा भाजपा दोनों पर ही निशाना साध रहे हैं। कांग्रेस पार्टी इस बार जिस मजबूती के साथ दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ रही है उससे आम आदमी पार्टी बौखला गई है।
अरविंद केजरीवाल ने तो यह आरोप लगा दिया है कि कांग्रेस पार्टी जितने के लिए चुनाव नहीं लड़ रही है बल्कि आम आदमी पार्टी के वोट काटकर भाजपा को जिताना चाहती है। उनके इस बयान पर पलटवार करते हुए कांग्रेस ने उनसे सवाल किया है कि आम आदमी पार्टी ने हरियाणा में क्यूं चुनाव लड़ा था, वहां भी वह एक भी सीट नहीं जीत पाई थी तो क्या यह माना जाये कि आम आदमी पार्टी ने जीतने के लिए हरियाणा विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा था और उसका मकसद कांगे्रस के वोटे काटकर भाजपा को जिताना था।
गौरतलब है कि जब से नई दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्र्रेस ने आम आदमी पार्टी के साथ सीटों पर बंटवारा न कर अकेले अपने दम पर चुनाव लडऩी की घोषणा की है। तभी से कांगे्रस और आम आदमी पार्टी के नेताओं के बीच लगातार जुबानी जंग हो रही है। जो दिन ब दिन तेज होती जा रही है। अब यह बात स्पष्ट हो गई है कि नई दिल्ली के दंगल में त्रिकोणीय मुकाबला होने जा रहा है।
कांग्रेस जिस गंभीरता से यह चुनाव लड़ रही है, उससे आम आदमी पार्टी की चिंता बढ़ रही है। क्योंकि आम आदमी पार्टी ने पिछले एक दशक से कांग्रेस के ही वोट बैंक पर कब्जा किया हुआ है। अब उसे अपने वोट बैंक में सेंध लगने का खतरा नजर आ रहा है। इसीलिए आम आदमी पार्टी कांग्रेस पर बीजेपी की बी टीम होने का निराधार आरोप लगाने में लगी है, कुल मिलाकर नई दिल्ली का चुनावी दंगल दिलचस्प होता जा रहा है।