Decisive fight against terrorism is necessary: जम्मू कश्मीर में हाल ही में हुई आतंकवादी घटनाओं को लेकर केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उच्च स्तरीय बैठक बुलाकर आतंकवाद को जड़ से उखाड़कर फेंकने का निर्णय लिया है। गृृह मंत्री के मुताबिक अब जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ी जाएगी। उन्होंने सभी एजेंसियों को कश्मीर घाटी में आतंकवाद के सफाया के निर्देश दिए हैं और मिशन मोड में काम करने तथा समन्वित तरीके से त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चत करने की आवश्यकता पर बल दिया है।
गृह मंत्री के मुताबिक जम्मू कश्मीर में आतंकवाद बड़े संगठित आतंकी हिंसाओं से सीमट कर अब क्षद्म लड़ाई तक सीमट कर रह गया है, लेकिन अब इसे भी उखाड़कर फेंका जाएगा। जम्मू कश्मीर में शांति की बहाली के लिए सरकार जो कदम उठा रही है और रणनीति बना रही है वह स्वागत योग्य है, लेकिन इसके साथ ही सरकार को पड़ोसी देश पाकिस्तान को भी उसी की भाषा में जवाब देना जरूरी हो गया है।
सीमा पार पाक अधिकृत कश्मीर में लगभग 300 आतंकवादी भारत में घुसपैठ करने की फिराक में बैठे हुए हैं। भारतीय सेना और सुरक्षाबलों की चौकसी के कारण वे भारत में घुसपैठ नहीं कर पा रहे हैं, लेकिन सीमा पार इतनी बड़ी संख्या में आतंकवादियों का जमावड़ा भारत के लिए गंभीर चिंता का विषय है। पूर्व में भारत ने पाकिस्तान के लिए सर्जिकल और एयर स्ट्राइक करके पीओके स्थित जिन आतंकवादी प्रशिक्षण शिविरों को नेस्तनाबूत किया था वे केरल टेरर कैम्प फिर से आबाद होने लगे हैं। इसके पहले कि ये आतंकवादी अपने नापाक इरादों को अंजाम देने की साजिश रचे उनका सफाया जरूरी है। इसके लिए पीओके में एक और सर्जिकल स्ट्राइक करने से भारत को नहीं हिचकना चाहिए।
ऐसी बड़ी और कड़ी कार्यवाही से ही आतंकवाद की जड़ पर कड़ा प्रहार होगा। रही बात जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों के पूरी तरह से सफाये की तो इसके लिए भी जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों (Decisive fight against terrorism is necessary) के हिमायतियों के खिलाफ भी कड़े कदम उठाने होंगे। उम्मीद की जानी चाहिए की इस बारे में भी सरकार कारगर कदम उठायेगी।