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संपादकीय: आतंकवादियों के खिलाफ निर्णायक कार्यवाही जरूरी

Decisive action necessary against terrorists

Decisive action necessary against terrorists

Decisive action necessary against terrorists: इस धरती की जन्नत कहे जाने वाले जम्मू कश्मीर को जहन्नू के रूप में तबदिल करने का मनसूबा पाले आतंकवादियों के खिलाफ अब भारतीय सेना और सुरक्षाबल के जवानों ने निर्णायक कार्यवाही का शंखनाद कर दिया है।

आतंकवादियों के खिलाफ पहली बार भारतीय सेना ने टैंक उतारे है। साथ ही ड्रोन की भी मदद ली जा रही है। कश्मीर घाटी में भारत पाक सीमा से लगे अखनूर में आतंवादियों ने भारतीय सेना के एम्बुलेन्स पर फायरिंग की तो सेना के जवानों ने आतंकवादियों के खिलाफ जंगलो में बड़े पैमाने पर सर्च अभियान चलाया

और तीन आतंकवादियों को जहन्नूूम रशीद कर दिया। गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर से 370 के खात्में के बाद से कश्मीर घाटी में भारतीय सेना ऑपरेशन ऑल आउट चला रही है।

जिसके तहत अब तक 200 से अधिक आतंकवादियों को ढेर किया जा चुका है। अब कश्मीर घाटी में मुट्ठीभर आतंकवादी ही बचे है जो मौका पाकर आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देते रहते है और कायराना हमला करके जंगलो में छिप जाते है।

उनकी तलाश के लिए अब भारतीय सेना ड्रोन का उपयोग कर रही है और उसने अपने टैंक भी उतार दिए है। इसका मतलब साफ है कि अब आतंकवादियों के खिलाफ आर पार की लड़ाई शुरू हो गई है।

जो स्वागत योग्य है। वास्तव में कश्मीर घाटी में आतंकवादियों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई ही सख्त थी। पड़ौसी देश पाकिस्तान जम्मू कश्मीर में पहले लोकसभा चुनाव और फिर विधानसभा चुनाव में हुए अभूतपूर्व मतदान से और जम्मू कश्मीर में उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में नई सरकार बनने के बाद से बुरी तरह बौखलाया हुआ है।

वह कश्मीर घाटी में बचे खूचे आतंकवादियों के जरिए दहशत फैलाने की लगातार कोशिश कर रहा है किन्तु भारतीय सेना और सुरक्षाबल के जवानों की सतर्कता के कारण वह किसी बड़ी आतंकी साजिश को अमलीजामा नहीं पहना पा रहा है।

सीमा पार पाक अधिकृत कश्मीर में पाकिस्तान ने एक बार फिर आतंकी प्रशिक्षण शिविर आबाद कर लिए है और बड़ी संख्या में प्रशिक्षित आतंकवादी कश्मीर घाटी में घुसपैठ करने की फिराक में बैठे है।

लेकिन सीमा पर भारतीय सेना की कड़ी चौकसी के कारण वे घुसपैठ नहीं कर पा रहे है जो आतंकवादी घुसपैठ की कोशिश करते है वे बे मौत मरते है। बहरहाल अब पानी सिर से ऊंचा हो गया।

इसलिए कश्मीर घाटी में शांति की बहाली के लिए जो गिने चुने आतंकवादी बच गए है उनके खिलाफ युद्ध स्तर पर कार्यवाही होनी चाहिए। इसके साथ ही कश्मीर घाटी में उन अलगावादी ताकतों के खिलाफ भी कड़ी कार्यवाही की जानी चाहिए।

जो इन आतंकवादियों के मददगार बने हुए है। इन आस्तिन के सांपो का फन कुचलने के लिए भी विशेष अभियान चलाना निहायत जरूरी है। तभी कश्मीर घाटी में अमन और चैन कायम हो पाएगा।

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