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CSR Abuse : फर्जी खरीद कर सरकारी धन का किया बंदरबांट

CSR Abuse: Waste of government money by making fake purchases

CSR Abuse

शैक्षिक संघ ने जिला कलेक्टर को किया 13 बिंदुओं पर शिकायत

कोरबा/नवप्रदेश। CSR Abuse : शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने आज जिला कलेक्टर से मुलाकात कर जिला शिक्षा अधिकारी की 13 बिंदुओं को लेकर शिकायत ज्ञापन सौंप, पारदर्शी व निष्पक्ष जांच की मांग की है। इस पर कलेक्टर ने त्वरित जांच कर आवश्यक कार्रवाई करने का आश्वासन दिया।

दरअसल, जिला शिक्षा अधिकारी सतीश पांडे की मुसीबतें कम होने नहीं दिख रही हैं। लगातार एक के बाद एक इनके भ्रष्ट कार्य उजागर हो रहे हैं। इसी कड़ी में एक कदम और बढ़ाते हुए अब उनके द्वारा बोगस खरीदी कर सरकारी धन का बंदरबांट करने के कारनामे सामने आ रहे है।

महत्वाकांक्षी योजनाओं पर आते हैं करोड़ों के फंड

जिले में डीएमएफ एवं सीएसआर मद (CSR Abuse) से विभिन्न कल्याणकारी एवं लोकहित की योजनाएं संचालित की जा रही हैं। इसी तारतम्य में शिक्षा विभाग में भी गुणवत्ता सुधारने के लिए फंड दिया जाता है। इसमें उत्तम शैक्षणिक वातावरण, अध्ययनरत विद्यार्थियों को विभिन्न पाठ्य सहगामी सामग्रियां एवं उचित पोषण प्रदान करने के लिए कई प्रकार की महत्वाकांक्षी योजनाएं संचालित के लिए सरकार से करोड़ों रूपण आबंटन होता है। परंतु जिला शिक्षा अधिकारी ने उस राशि का भ्रष्ट एवं संदिग्ध कार्यकलापों से व्यापक पैमाने पर कर रहा है। संघ द्वारा इसकी शिकायत लेकर कलेक्टर को अवगत कराया।

कारनामों की लिस्ट है लंबी

शिक्षक संघ ने जिला कलेक्टर को 13 बिंदुओं को लेकर शिकायत ज्ञापन सौंपा था। जिसमें डीएमएफ द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं जैसे स्मार्ट क्लास, व्हाइट बोर्ड, ग्रीन बोर्ड एवं मैग्नेटिक बोर्ड, पंखा, वाटर प्यूरीफायर, आरओ, सेनेटरी पैड मशीन, सैनिटाइजर, विविध बर्तन भाड़े एवं पायलट प्रोजेक्ट के रूप में विकासखंड कटघोरा में संचालित की जाने वाली सोन चिरैया योजना में व्यापक रूप से भ्रष्टाचार करनेका आरोप लगाया।

संदेह के घेरे में नामचीन अधिकारी

जिला शिक्षा विभाग में डीएमएफ एवं सीएसआर फंड (CSR Abuse) में हुए व्यापक भ्रष्टाचार में जिला शिक्षा अधिकारी सतीश पांडे के साथ एडीपीओ एमपी सिंह एवं मौखिक रूप से संलग्न शिक्षक वीरू गुप्ता का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है।

मांग पत्र पर बैक डेट का हस्ताक्षर

सूत्रों बताते है कि, अपने आप को स्वच्छ और सही साबित करने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा दबाव बनाकर विकास खंड शिक्षा अधिकारी एवं प्राचार्य से बैक डेट पर मांग पत्र एवं प्रस्ताव पर हस्ताक्षर कराए जा रहे हैं।

प्रोजेक्टर से करंट लगने की शिकायत

जिले में विभिन्न प्रकार की डिजिटल सामग्रियों का जिले स्थित विद्यालय में सप्लाई किया गया है। उसके बाद कई जगह पर मशीनों का इंस्टॉलेशन भी नहीं किया गया। वर्तमान में सीएसआर मद से प्रदाय किए गए प्रोजेक्टर जिसकी कीमत लगभग 1 लाख 80 हजार है, उसे भी इंस्टॉल नहीं किया गया। जबकि जहां जहां प्रोजेक्टर चालू किया गया है, वहां पर करंट लगने की शिकायतें आ रही हैं।

जिला शिक्षा अधिकारी की काली करतूत की शिकायत करने पहुंचे शिक्षक संघर्ष मोर्चा जिला कोरबा के संरक्षक एवं तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष सुरेश कुमार द्विवेदी, कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष छत्तीसगढ़ प्रदेश संयुक्त शिक्षक संघ एवम शिक्षक संघर्ष मोर्चा के जिला संयोजक ओम प्रकाश बघेल, छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष एवं मोर्चा के महासचिव तरुण सिंह राठौर ने संयुक्त रूप से बयान जारी कर यह जानकारी दी।

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