Cananl Corruption : खुली छूट से भ्रष्टाचार की चढ़ रही बलि
देवभोग/नवप्रदेश। Canal Corruption : राज्य सरकार द्वारा किसानों की फसलों तक पर्याप्त पानी पहुंचाने के लिए सिंचाई विभाग के माध्यम से नहर लाइनिंग कार्य में करोड़ों रुपए पानी की तरह बहा रही है, लेकिन यह करोड़ों रुपए गरियाबंद जिले के फिंगेश्वर ब्लॉक में फिजूल खर्च नजर आ रही। क्योंकि संबंधित विभाग के अधिकारियों की ठेकेदार को खुली छूट से नहर लाइनिंग कार्य भ्रष्टाचार की बलि चढ़ रही है।
ऐसे ही बोरिद जलाशय नहर लाइनिंग सीसी कार्य के अलावा पैरी मुख्य दांई फिंगेश्वर डिस्ट्रीब्यूशन नहर मरम्मत कार्य में देखने को मिल रहा है। जिम्मेदार अधिकारी ठेकेदार को आर्थिक लाभ पहुंचाने के लिए नियमों को दरकिनार कर कार्य को अंतिम रूप दे रहे हैं।
जानकारी अनुसार बीते वर्ष बोरिद जलाशय कार्य के लिए 2 करोड़ 57 लाख की स्वीकृति दी गई। लेकिन इस कार्य पर स्वीकृत राशि का शत प्रतिशत राशि कार्य में उपयोग ना कर थूक पॉलिस (Canal Corruption) कर लाखों रुपए का बंदरबाट करने का आरोप ग्रामीणों द्वारा लगाया जा रहा है। इसका जीता जागता सबूत नहर लाइनिंग सीसी कार्य पर पड़ रही दरार है। जिम्मेदारों ने निर्धारित मापदंड अनुसार मटेरियल का इस्तेमाल नहीं करने के साथ पानी की तराई पर भी लापरवाही बरती है। जिसके चलते समय से पहले नहर लाइनिंग सीसी कार्य उखड़ रहा है।
सबसे खास बात तो यह है कि इस कार्य को अपने कार्यकाल का ना होना बताकर अधिकारी अपना पल्ला झाड़ रहे। जबकि 44 करोड़ की प्रगतिरत फिंगेश्वर डिस्ट्रीब्यूशन नहर मरम्मत कार्य पर भी इसी तरह गुणवत्ता को दरकिनार कर खाना पूर्ति तरीके से लीपापोती कार्य को अंजाम दिया जा रहा है। बावजूद इसके अधिकारियों ने बिना जमीनी क्वालिटी जाने ठेकेदार को करोड़ों रुपए (Canal Corruption) जारी भी कर दिया। जबकि ग्रामीण इसकी गुणवत्ता को लेकर लगातार शिकायत कर रहे थे, पर अफसरों ने एक बार मौके पर पहुंच कर जांच करना भी जरूरी नहीं समझा और अपने चहेते ठेकेदार को भुगतान भी कर दिया। नहर लाइनिंग मरम्मत कार्य में इंजीनियर और एसडीओ की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहा है।
सिंचाई विभाग के इंजीनियर कुलेश्वर जोशी ने कहा कि एक जगह दरारें आयी है। इसे ठीक करने के लिए ठेकेदार को निर्देशित किया गया है। गुणवत्ता पूर्वक काम हो रहा है।