Corrupt system took the lives of three students: देश की राजधानी नई दिल्ली के राजेन्द्र नगर क्षेत्र में राव कोचिंग सेन्टर के बेसमेन्ट में पानी भर जाने से तीन छात्रों की दुखद मौत हो गई। इस घटना को लेकर अब जमकर सियासत हो रही है।
इस घटना की जिम्मेदारी लेने के लिए कोई तैयार नहीं है। सभी इसके लिए दूसरे के सिर पर ठिकरा फोडऩे की कोशिश कर रहे हैं। तीन छात्रों की मौत के बाद एमसीडी प्रशासन कुम्भकरणीय नींद से जागा है और उसने नई दिल्ली में चल रहे 13 कोङ्क्षचग सेन्टरों को सील कर दिया है।
एक कोचिंग सेन्टर के अवैध निर्माण को तोडऩे के लिए बुलडोजर भी चलाया गया है। इस हादसे के लिए एक जूनियर इंजीनियर को बर्खास्त किया गया है और एक असिस्टेंट इंजीनियर को निलंबित किया गया है।
इस हादसे के जिम्मेदार बेसमेन्ट के मालिक सहित 7 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है और घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं। नई दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मृतक छात्रों के परिजनों के लिए 10-10 लाख रुपये के मुआवजे की भी घोषणा कर दी है।
इस घटना को लेकर आंदोलित छात्रों से उपराज्यपाल ने मुलाकात की और उन्हें आश्वासन दिया की इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाएगी। गौरतलब है कि नई दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार है और एमएसडी में भी आम आदमी पार्टी ही सत्तारूढ़ है।
इसके बाद भी आम आदमी पार्टी के नेता इस घटना के लिए उपराज्यपाल और केन्द्र सरकार को जिम्मेदार ठहरा कर अपनी जवाबदारी से बचने की नकाम कोशिश कर रहे हैं। नई दिल्ली की मेयर सैली ओबराय ने मानसून आने के पूर्व यह बयान दिया था कि एमएसडी ने सभी नालों की सफाई कर ली है।
इस बार नई दिल्ली के बाशिंदे बारिश का लुत्फ उठाएंगे। जबकि एमएसडी ने पानी की निकासी की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित नहीं की थी, जिसकी वजह से नई दिल्ली में बाढ़ के हालात निर्मित हो गए थे। उस कोचिंग सेन्टर में भी पानी का जमाव हो रहा था जिसकी शिकायत की गई थी, लेकिन एमएसडी के अधिकारियों ने उसे गंभीरता से नहीं लिया।
नतीजतन यह दुखद हादसा हो गया और तीन होनहार छात्र असमय ही काल का ग्रास बन गए। अब इसकी जांच के नाम पर सिर्फ लिपापोती की जाएगी और जूनियर इंजीनियर जैसे छोटे अधिकारी को बलि का बकरा बनाकर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली जाएगी।
हकीकत यह है कि नई दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार पूरी तरह से निकम्मी सिद्ध हो रही है। ठंड के मौसम में नई दिल्ली में वायु प्रदूषण इस कदर बढ़ जाता है कि लोगों का सांस ले पाना भी दुभर हो जाता है। पूरी दिल्ली गैस चेम्बर के रूप में तब्दील हो जाती है।
इसके लिए भी नई दिल्ली सरकार पड़ोसी राज्यों को जिम्मेदार ठहरा देती है। गर्मी के मौसम में दिल्ली के लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरसते हैं और टैंकरों से पानी भरने के लिए मारा-मारी की स्थिति निर्मित हो जाती है। इसके लिए नई दिल्ली सरकार पड़ोसी राज्यों को जिम्मेदार बताती है और यह आरोप लगाती है कि नई दिल्ली को उसके हिस्से का पानी नहीं दिया जा रहा है।
अब बरसात के मौसम में नई दिल्ली की स्थिति बद से बदतर हो रही है, लेकिन आम आदमी पार्टी की सरकार हाथ पर हाथ दिए बैठी है। नई दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जेल से ही सरकार चला रहे हैं और भ्रष्ट सिस्टम की भेंट चढ़कर लोग अपनी जान गवां रहे हैं।