देश में जानलेवा कोरोना वायरस (corona virus) का कहर टूटने लगा है। भारत (india) में कोरोना से संक्रमित लोगों (People infected with corona) की संख्या 2300 से ज्यादा हो चूंकि है और 56 लोगों की मौत हो गई है। भारत में लागू लॉकडाउन (lockdown) के बाद भी कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या में हो रही वृद्धि चिंता का विषय है। प्रधानमंत्री और संबंधित राज्यों के मुख्यत्रियों की बार-बार अपिल के बावजूद लोग लॉकडाउन का पालन नहीं कर रहे हैं।
यह बेहद खतरनाक स्थिति है। यद्यपि केन्द्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि 14 अप्रैल को लॉकडाउन खतम कर दिया जाएगा। लेकिन कुछ प्रतिबंध फिर भी जारी रहेंगे। यदि लोगों ने इसी तरह लॉकडाउन (lockdown) का मजाक बनाए रखा तो स्थिति नियंत्रण से बाहर हो जाएगी। जब से जमातियों ने देश के कोने-कोने में फैलकर कोरोना वायरस को फैलाना शुरू किया है तब से प्रतिदिन कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में भारी वृद्धि हो रही है। जिन जमायतियों की पहचान हो चूंकि और उन्हें अस्पताल में रखा गया है।
वे भी अपने चिकित्सीय परिक्षण में डॉक्टरों का सहयोग नहीं कर रहे हैं। डॉक्टरों के निर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं। यहां तक कि गाजियाबद में तो इन जाहिल जमातियों ने जहालत की सारी सीमाएं लांघ डाली। जो नर्से अपना घर बार छोड़कर और अपनी जान हथेली में रखकर इनकी सेवा में लगी हुई है। उनके साथ ये जमायती अश्लील हरकते कर रहे हैं। ऐसे वाहियात लोगों को अलग अस्पताल में ले जाने की नौबत आ गई है।
देश के विभिन्न राज्यों में जाकर छूप गए संदिग्ध कोरोना संक्रमित जमायतियों की पता साजी करने के लिए जाने वाली पुलिस पर और चिकित्सा कर्मियों पर हमले किए जा रहे है। उन पर पत्थर बरसाये जा रहे है। ऐसी स्थिति में चिकित्सा कर्मियों और पुलिस कर्मियों के लिए अपने कत्वर्य का निरवहन करना मुश्किल होता जा रहा है। ऐसे जाहिलों के खिलाफ मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की बात कही है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी ऐलान किया है कि यदि कोरोना योध्याओं के खिलाफ पत्थरबाजी की गर्ई या उन्हें उनके काम से रोका गया तो ऐसे लोगों के खिालाफ रासुका के तहत कार्रवाई की जाएगी। कायदे से केन्द्र सरकार को ही सभी राज्य सरकारों को यह निर्देश देना चाहिए कि जो भी व्यक्ति पुलिस कर्मियों और चिकित्सा कर्मियों के साथ गुंडा गर्र्दी करे उसके खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई की जाए और उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। अन्यथा इन जाहिलों के कारण पुलिस कर्मियों और चिकित्साकर्मियों का जीवन भी संकट में पड़ जाएगा।
कोरोना (corona virus) पीडि़तों की ममद में लगे 50 से अधिक डाक्टरों और नर्सों को कोरोना वारयस ने संक्रमित कर दिया है। इन जाहिलों को यह बात समझनी चाहिए कि जो लोग अपने जीवन को खतरे में डालकर इनकी सेवा कर रहे हैं। उनके साथ ये सहयोग करें। भारत में अब तक कोरोना स्टेज तीन में नहीं पहुंचा है तो इसकी मुख्य वजह यही है कि यहां समय रहते लॉकडाउन कर दिया गया। अब यह प्रत्येक देशवासी का कर्तव्य बनता है कि वह लॉकडाउन का पुरी इमानदारी से पालन करें। अन्यथा लॉकडाउन के बाद और कड़े एहतियाती कदम उठाने के लिए सरकार को बाध्य होना पड़ जाएगा।