नई दिल्ली। Corona period: रियल स्टेट उद्योग को पटरी पर लाने के प्रयासों में सस्ते घर खरीदने की चाहत रखने वालों के लिए एक सुनहरा मौका हो सकता है। पहली लहर से प्रभावित रियल एस्टेट उद्योग पटरी पर आ ही रहा था की कोरोना की दूसरी लहर आ गई।
कोरोना की दूसरी लहर की मार रियल स्टेट पर भी पड़ी है ऐसे में चाहे रेसिडेंसियल फ्लैट हो या कॉमर्शियल दोनों का निर्माण लगभग रूक सा गया है। रियल स्टेट के विशेषज्ञ तरूण जैन की माने तो जैसे ही कोरोना महामारी से जुड़ी पाबंदियां हटेंगी, घरों की मांग में तेजी देखने को मिलेगी।
श्री जैन का कहना है कि अब रियल स्टेट मार्केट को फिर से खड़ा होने में दो साल तक का इंतजार करना होगा। रियल स्टेट मार्केट के ट्रेंड को देखते हुए उनका कहना है कि दरअसल कोरोना वायरस की वजह से वर्क फ्रॉम होम का कल्चर मेट्रो शहरों में तेजी से बढ़ा है।
कोरोना वायरस (Corona period) जैसी महामारी ने शहरों में किराए के मकान में रहने वाले लोगों को अपने घर की जरूरत को प्राथमिकता में शामिल किया है ताकि आर्थिक चुनौतियों के बीच घर सहारे की तरह काम कर सके।
कोरोना ने खरीददार को नए होम कांन्सेप्ट को जन्म दिया है जिसमे अब ऐसे सोसाइटी की डिमांड बढ़ी है जो कम भीड़-भाड़ वाली हो, ज्यादा हवादार हो, सोसाइटी के अंदर ही सभी सुविधा हो। टॉवरों की संख्या कम हो। हाई-राईज टावर वाले सोसाइटी की डिमांड में कमी आई है ।
विशेषज्ञों का कहना है कि बैंकों के द्वारा होम लोन की ब्याज दरों में कटौती,, सरकार के द्वारा रियल स्टेट मार्केट को आर्थिक पैकेज की घोषणा और कोरोना की वजह से मार्केट की मौजूदा परिस्थिति में रियल स्टेट मार्केट के प्रति लोगो का भरोसा बढ़ा है।