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Corona से 40 हजार करोड़ की कमाई, सरकार के इस फैसले से बना नया गणित

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नई दिल्ली/नवप्रदेश। कोरोना (corona) के कहर से प्रभावित हुई वैश्विक अर्थव्यवस्था के असर से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल (crude oil price fall) की कीमतों में गिरावट आ रही है। इस गिरावट के मद्देनजर भारत में पेट्रोल डीजल की कीमतों में कमी अपेक्षित हैं। लेकिन कोरोना (corona) से आई इस गिरावट के कारण सरकार (government increase excise duty) ने पेट्रोल और डीजल के उत्पाद शुल्क  में तीन-तीन रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी कर दी है।

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इस फैसले से सरकार (government increase excise duty) को अगले वित्त वर्ष में करीब 40 हजार करोड़ रुपये का राजस्व मिलने का अनुमान है। हालांकि चालू वित्त वर्ष में अब तीन सप्ताह ही बचे हैं और इस अविध में सरकार को इससे करीब दो हजार करोड़ रुपये मिलने की संभावना है।

अधिकारी ने दी जानकारी

इस संबंध में अधिसूचना जारी किये जाने के बाद एक अधिकारी ने कहा कि उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी से करीब 40 हजार करोड़ रुपये मिलने का अनुमान है। चालू वित्त वर्ष में दो हजार करोड़ रुपये तक मिल सकता है। अधिसूचना के अनुसार इसके साथ ही सरकार ने पेट्रोल पर सड़क उपकर एक रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 10 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी कर दी है।

ऐसे बढ़ा उत्पाद शुल्क

फिर भी घट रहे दाम, पर पैसों में

उत्पाद शुल्क में की गई इस बढ़ोतरी के बाद भी तेल विपणन कंपनियों ने पेट्रोल की कीमतों में 13 पैसे प्रति लीटर और डीजल की कीमतों में 16 पैसे प्रति लीटर की कमी की है। राजधानी दिल्ली में अब पेट्रोल की कीमत 69.87 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 72.58 रुपये प्रति लीटर हो गयी है। कोलकाता में पेट्रोल 72.57 रुपये प्रति लीटर, मुंबई में 75.57 रुपये प्रति लीटर और चेन्नई में 72.57 रुपये प्रति लीटर पर आ गया है। इसी तरह से कोलकाता में डीजल 64.91 रुपये पप्रति लीटर, मुंबई में 65.51 रुपये प्रति लीटर और चेन्नई में 66.02 रुपये प्रति लीटर हो गया है।

2014 से ऐसे चलते आ रहा उतार चढ़ाव

नवंबर 2014 और जनवरी 2016 के दौरान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल (crude oil price fall) की कीमतों में गिरावट पर पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में नौ बार बढ़ोतरी की गयी। इस दौरान 15 महीने में पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 11.77 रुपये और डीजल पर 13.47 रुपये प्रति लीटर की बढोतरी की गई। अक्टूबर 2017 में सरकार ने इन दोनों उत्पादों पर उत्पाद शुल्क में दो रुपये प्रति लीटर की कमी की थी। इसके एक वर्ष बाद फिर से 1.50 रुपये प्रति लीटर की कटौती की गयी लेकिन जुलाई 2019 में इसमें दो रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गयी थी।

जानें, कोरोना से क्यों गिरा कच्चा तेल

कोरोना वायरस के संक्रमण से दुनियाभर में 5 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। दुनिया के कई देशों में शट डाउन जैसी स्थिति है। तमाम प्रोजेक्ट्स, स्कूल कॉलेज, पिकनिक स्पॉट आदि बंद किए जा रहे हैं। लिहाजा दुनिया के तमाम देशों में प्रोजेक्ट्स व ट्रैवलिंग में होने वाली पेट्रोल-डीजल की खपत भी कम हो गई है। यह भी कच्चे तेल की कीमतों में कमी का एक बड़ा कारण है।

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