Site icon Navpradesh

Controversial Statements : पंजाब के सीएम का विवादास्पद बयान

Controversial Statements: Controversial statement of Punjab CM

Controversial Statements

Controversial Statements : चुनाव के दौरान बयानवीर नेता जोश में अकसर होश खो देते है और जो मुंह में आए बोल देते है। उनके ऐसे विवादास्पद बयानों पर उनके समर्थक ताली बजा देेते है जिससे वे फूलकर कुप्पा हो जाते है। बाद में जब उनके बयान को लेकर विवादा खड़ा होता है तो वे अपने बयान को तोड़ मरोड़कर पेश किया गया बताते है और फिर सफाई देने लगते है लेकिन तब तक तीर कमान से निकल चुका होता है और उनके विवादास्पद बयान का पार्टी को खामियाजा भुगतने की नौबत आ जाती है।

पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने भी उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों के बारे में बचकाना बयान देकर नया विवाद खड़ा कर दिया है। अब जबकि उनके बयान की भाजपा और आम आदमी पार्टी कड़ी निंदा कर रही है और इसे उत्तर प्रदेश के चुनाव में मुद्दा बना रही है तो खुद को चौतरफा घिरा पाकर चन्नी यह सफाई दे रहे है कि उनके कहने का मतलब कुछ और था और उनके बयान (Controversial Statements) को तोड़ मरोड़कर पेश किया जा रहा है।

जबकि चुनावी सभा में उन्होने उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों को लेकर जो कुछ कहा है उसे खबरिया चैनलों के माध्यम से सारे देश ने देखा है। उनके इस बयान को लेकर जहा नई दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसपर तीखी प्रतिक्रिया दी है वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस बयान को मुद्दा बनाकर उत्तर प्रदेश की एक जनसभा में पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पर जमकर हमला बोला है और कंाग्रेस पर आरोप जड़ दिया है कि वह क्षेत्रवाद को बढ़ावा देने वाली पार्टी है।

जाहिर है चन्नी का यह बयान कांग्रेस के लिए भारी पड़ सकता है जिसकी पंजाब में पहले ही आंतरिक कलह के कारण हालत पतली है। इसलिए कहा गया है कि वाणी पर संयम रखना चाहिए। विवादास्पद बयानबाजी से अपने समर्थकों की तालियां मिल सकती है और मीडिया में भी ऐसे बयान सुर्खीयां बन सकते है लेकिन ऐसे बयानों का पार्टी को खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।

यह बात कांग्रेस से ज्यादा बेहतर और कोई पार्टी नहीं जानती क्योकि आज कांग्रेस जिस स्थिति में पहुंची है उसके लिए काफी हद तक उसके बयानवीर नेता (Controversial Statements) ही जिम्मेदार रहे है। इतना नुकसान उठाने के बाद भी कंाग्रेस के जिम्मेदार नेता इस तरह की आपत्तिजनक बयानबाजी से बाज नहीं आ रहे है। उन्हे चाहिए कि वक्त की नजाकत को देखते हुए अपनी वाणी पर संयम बनाए रखें अन्यथा इसका दुष्परिणाम झेलने के लिए तैयार रहे।

Exit mobile version