Conflicted : उत्तर प्रदेश, पंजाब, उतराखण्ड, गोवा और मणिपुर में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए पंजाब में ही फिर से सरकार बनाने की संभावना है।
जहां इन दिनों उसकी सरकार है किन्तु अंतर्कलह से ग्रसित कांग्रेस के लिए विपक्षी पार्टियों से जूझने की जगह अपने लोगों से ही दो-दो हाथ करना पड़ रहा है। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बीच रस्साकसी चल रही है।
टिकट के बंटवारे के दौरान भी इन दोनों नेताओं के बीच तल्खी देखने को मिली थी। अब इन दोनों के बीच पंजाब का भावी मुख्यमंत्री बनने की होड़ लग गई है। राहुल गांधी के पंजाब दौरे के दौरान नवजोत सिंह सिद्धू ने तो साफ कह दिया कि पार्टी आलाकमान पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करें तो कांग्रेस को ७० से ज्यादा सीटें मिल जाएंगी। उनकी इस मांग पर राहुल गांधी ने जल्द से जल्द विचार करने का आश्वासन दिया है।
अब देखना दिलचस्प होगा कि चरणजीत सिंह चन्नी और नवजोत सिंह सिद्धू मेंं से किसे कांग्रेस मुख्यमंत्री का चेहरा बनाकर पेश करती है और इसके बाद पंजाब कांग्रेस में व्याप्त गुटबाजी कितनी दूर हो पाती है। गौरतलब है कि विभिन्न खबरिया चैनलों पर पंजाब को लेकर जो ओपिनियन पोल दिखाएं जा रहे है उसमें आम आदमी पार्टी को बढ़त दिखाई जा रही है।
कांग्रेस को दुसरे नंबर पर रखा जा रहा है। हालांकि आम आदमी पार्टी भी बहुमत के आंकड़े को नहीं छू पा रही है। ऐसी स्थिति में पंजाब में त्रिशंकु सरकार बनने की संभावना जताई जा रही है।
अभी भी समय है यदि कांग्रेस गुटबाजी को खत्म करती है तो वह पंजाब में बेहतर स्थिति में आ सकती है। वैसे भी कांग्रेस से कैप्टन अमरिंदर सिंह का अलग होना और नई पार्टी बनाना कांग्रेस के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है हालांकि कैप्टन अमरिंदर सिंह की नई पार्टी और भाजपा मिलकर भी दौड़ में शामिल नहीं दिख रहे है लेकिन कैप्टन अमरिंदर सिंह कांग्रेस को नुकसान तो पहुंचा ही सकते है।
इन सब चीजों को ध्यान में रखकर यदि कांग्रेस हाईकमान पंजाब (Conflicted) में कांग्रेस को एकजुट कर पाती है तो निश्चित रूप से उसे इसका लाभ मिल सकता है।