नई दिल्ली/नवप्रदेश। यदि आप निजी क्षेत्र (company empolyees) में काम करते हैं तो यह खबर जरूरी पढ़ें। अगले साल कंपनियों में काम करने वाले कर्मियों (company employees) पर कुछ खास असर होंगे। आर्थिक वृद्धि दर में गिरावट के बीच 2019 में सर्विस सेक्टर व रोजगार बाजार में सुस्ती रही (slowdown in employment market) ।
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अब खबर यह है कि अगले साल भी स्थिति में सुधार की उम्मीद नहीं है। विशेषज्ञों का मानना है कि वर्ष 2020 में भी सेवा क्षेत्र व रोजगार बाजार मेें सुस्ती रहेगी (slowdown in employment market) और साथ ही वेतनवृद्धि भी खास नहीं होगी। इसका कारण यह है कि कंपनियां नई नियुक्तियां करने के बजाय अपने मौजूदा कर्मियों के स्कील डेवलपमेंट पर अधिक ध्यान दे रहे हैं।
विशेषज्ञों की खास बातें
कंपनियां नई भर्तियों को लेकर सतर्कता बरत रही हैं। इंडियन स्टाफिंग फेडरेशन के मुताबिक रोजगार की दृष्टि से 2020 स्थिर रहेगा या उसमें मामूली सुधार होगा। जीडीपी और अन्य महत्वपूर्ण आर्थिक संकेतक अभी रफ्तार पकड़ नहीं पाए हैं। ऐसे में यह देखना होगा कि उपभोग और निवेश में बढ़ोतरी होती है या नहीं। यदि बढ़त हुई तो रोजगार में वृद्धि की उम्मीद कर सकते हैं।
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कम हुई उद्योगों की संख्या
जिन उद्योगों में रोजगार बढ़ा है उनकी संख्या कम हुई है। विशेषज्ञों का कहना है, बाजार में सही लोगों की जरूरत बनी हुई है। एग्जिक्यूटिव खोज कंपनी ग्लोबलहंट इंडिया के प्रबंध निदेशक सुनील गोयल के मुताबिक, 2020 की शुरुआती तिमाही अधिक रोमांचक नहीं रहेगी, क्योंकि जीडीपी की दर नीचे आई है। लिहाजा कंपनियां विस्तार को लेकर सतर्कता बरत रही हैं। हालांकि, 2020 की दूसरी छमाही रोजगार के अवसरों की दृष्टि से बेहतर रहेगी, क्योंकि कंपनियां नए सिरे से कारोबार विस्तार पर ध्यान केंद्रित करेंगी।
2019 में इन क्षेत्रों में कमजोर रहा रोजगार सृजन
वर्ष 2019 में वाहन, विनिर्माण और इंजिनियरिंग क्षेत्रों में रोजगार सृजन कमजोर रहा। आम चुनाव की वजह से सरकार की नीतियां और पहल करीब दो-तीन माह थमी रहीं। इसके अलावा, सीमा पार तनाव की वजह से भी रोजगार बाजार सुस्त रहा।
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