रांची, नवप्रदेश। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को आश्वस्त किया है कि उनकी मांगों पर सरकार गंभीरता से विचार कर रही है और शीघ्र ही समस्याओं का समाधान होगा।
दूरदराज के प्रखंडों और जिलों में आधारभूत संरचना को राज्य सरकार मजबूत कर रही है ताकि अधिकारियों को वहां रहने में कोई परेशानी ना हो। बच्चों की पढ़ाई के लिए कान्वेंट माडल की तर्ज पर स्कूल खोले जा रहे हैं।
अफसरों की ओर से चाइल्ड केयर लीव जैसी मांगे 22 वर्ष बाद भी किन कारणों से उठ रही है यह समझ में नहीं आ रहा है, ऐसी मांगें तो तत्काल पूरी कर ली जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि कई राज्यों में राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी इतने सक्षम हैं कि वहां आएएस-आइपीएस न हो तो भी सरकार काम कर सकती है।
रविवार को मोरहाबादी स्थित आर्यभट्ट सभागार में राज्य प्रशासनिक सेवा संघ के वार्षिक अधिवेशन को संबोधित करने के दौरान ही मुख्यमंत्री ने झाप्रसे (झारखंड प्रशासनिक सेवा) की पत्रिका दस्तक का विमोचन भी किया।
सीएम ने अधिकारियों से कहा कि आप लोगों से जुड़ेगें तो लोग भी आप से जुड़ेंगे। अगर हमने प्रशासनिक व्यवस्था को दुरुस्त कर दिया तो राज्य को आगे बढ़ने में मुश्किलें नहीं आएंगी।
सरकार बनते ही हमने देवाशीष गुप्ता कमेटी का गठन किया था ताकि प्रशासनिक सुधार कार्यक्रमों को आगे बढ़ाया जा सके।