रायपुर/नवप्रदेश। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (cm bhupesh baghel) ने केन्द्रीय इस्पात मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान (union minister dharmendra pradhan) को पत्र (letter) लिख उनसे से लौह अयस्क (iron ore) में की गई मूल्यवृद्धि को तत्काल प्रभाव से वापस लेने की मांग की है।
साथ ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (cm bhupesh baghel) ने केंद्रीय मंत्री प्रधान (union minister)से राज्य के लौह खनिज आधारित लघु उद्योगों एवं स्पंज आयरन उद्योगों को दीर्घकालिक रियायती दर पर लौह अयस्क (iron ore) उपलब्ध कराने का एक बार फिर आग्रह किया है।
बघेल ने प्रधान को लिखे पत्र (letter) में कहा है कि एनएमडीसी द्वारा खनिज आयरन ओर लम्प (डीआरसीएलओ) के मूल्य में अप्रत्याशित वृद्धि किए जाने के कारण प्रदेश के स्पंज आयरन एवं स्टील उद्योगों के संचालन में दिक्कत आ रही है जिसकी वजह से इस्पात का उत्पादन भी प्रभावित हुआ है। उन्होंने इस संबंध में पूर्व में प्रेषित अपने पत्र का भी उल्लेख करते हुए कहा है कि एनएमडीसी द्वारा लौह अयस्क की मूल्य वृद्धि को तत्काल वापस लिया जाना चाहिए।
एनएमडीसी की खदानों से होती है खरीदी
मुख्यमंत्री बघेल ने पत्र में कहा है कि प्रदेश के विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में खनिज आयरन ओर आधारित संयंत्र संचालित हैं, जिनके द्वारा एनएमडीसी की दंतेवाड़ा स्थित खदानों से लौह अयस्क निर्धारित दरों पर क्रय किया जाता है। स्पंज आयरन एसोशिएसन के माध्यम से यह जानकारी मिली है कि एनएमडीसी द्वारा खनिज आयरन ओर लम्प (डीआरसीएलओ) के मूल्य में 470 रुपए प्रतिटन की वृद्धि की गई है।
मुख्यमंत्री ने आंकड़ों में ऐसे समझाया मूल्य वृद्धि का प्रभाव
पत्र के अनुसार एनएमडीसी द्वारा खनिज आयरन ओर लम्प के बेसिक मूल्य में कुल 700 रुपए की वृद्धि की गई है। इस पर रॉयल्टी और अन्य कर को मिलाकर आयरन ओर की कीमत बढ़कर 875 रुपए प्रतिटन हो गई है। फलस्वरूप आयरन ओर के मूल्य में अप्रत्याशित वृद्धि के कारण उत्पादित इस्पॉत का मूल्य बढ़कर 2000 रुपए प्रतिटन हो गया है। जिसके कारण प्रदेश के स्पंज आयरन एवं स्टील उद्योगों के संचालन में दिक्कत आने के साथ ही इस्पॉत का उत्पादन भी प्रभावित हुआ है।