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संपादकीय: महाराष्ट्र में सीटों के बंटवारे को लेकर घमासान

Clash over seat distribution in Maharashtra

seat distribution in Maharashtra

Seat distribution in Maharashtra: महाराष्ट्र में एक ओर तो एनडीए ने बड़ी ही सरलता के साथ अपने घटक दलों के बीच सीटों का बंटवारा कर लिया और अब भाजपा, शिवसेना और एनसीपी ने अपने अपने प्रत्याशियों के नाम घोषित कर विधानसभा चुनाव की तैयारी भी शुरू कर दी है।

वहीं दूसरी ओर आईएनडआईए में अभी तक सीटों के बंटवारे को लेकर घमासान मचा हुआ है। कई दौर की बातचीत के बाद कांग्रेस और उद्धव ठाकरे की पार्टी तथा शरद पवार की पार्टी तीनों ही 80-80 सीटों पर चुनाव लडऩे के लिए सहमत हुए हैं।

कुछ सीटें अन्य सहयोगी दलों के लिए छोड़ी गई हैं। वहीं अभी भी 30 सीटों पर इन तीनों ही दलों के बीच पेंच फंसा हुआ है। इन सीटों में से कांग्रेस ज्यादा सीटों पर दावा कर रही है।

वहीं उद्धव ठाकरे भी इनमें से ज्यादातर सीटें हथियाने की कवायद कर रहे हैं। दरअसल कांग्रेस सहित इन तीनों ही पार्टियों के बीच सबसे ज्यादा सीटों पर चुनाव लडऩे की होड़ लगी हुई है।

इसी वजह से मामला उलझा हुआ है। दरअसल महाअघाड़ी गठबंधन ने यह तय किया है कि जिस घटक दल की सबसे ज्यादा सीटें आएंगी उसी का मुख्यमंत्री बनेगा। इस फैसले के बाद से तीनों ही पार्टियां सबसे अधिक सीटों पर चुनाव लडऩे की योजना पर काम कर रही है।

सीधी सी बात है कि जो पार्टी जितनी ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ेगी उसकी ही सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरने की ज्यादा संभावना रहेगी। गौरतलब है कि पहले उद्धव ठाकरे ने खुद को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाने की कोशिश की थी लेकिन उनकी दाल नहीं गल पाई।

शरद पवार और कांग्रेस दोनों ने ही उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाकर चुनाव लडऩे पर असहमति जता दी थी। उसी के बाद यह फैसला हुआ था कि विधानसभा चुनाव में महाअघाड़ी में शामिल पार्टियों में से जिस पार्टी को सबसे ज्यादा सीटों पर जीत मिलेगी।

उसी का मुख्यमंत्री बनेगा। इसके बाद से सीटों का बंटवारा और भी मुश्किल हो गया है। ऐसे में महाअघाड़ी अभी से चुनाव में पीछे हो गई है जबकि एनडीए ने इस मामले में बाजी मार ली है।

होना तो यह चाहिए था कि विपक्ष में होने के कारण महाअघाड़ी को बहुत पहले ही सीटों का बंटवारा करके अपनी चुनावी मुहिम शुरू कर देनी चाहिए थी किन्तु महाअघाड़ी में सीटों के बंटवारे को लेकर खींचतान कुछ ज्यादा ही लंबी चल गई है।

ऐसे में उसे विधानसभा चुनाव में इसका खामियाजा भुगतना पड़ जाए तो कोई ताज्जुब नहीं होगा। महाअघाड़ी के लिए समाजवादी पार्टी ने भी परेशानी खड़ी कर दी है।

महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता अबू आजमी ने दो टूक शब्दों में चेतावनी दे दी है कि यदि महाराष्ट्र में समाज वादी पार्टी को पांच सीटें नहीं दी गई तो समाजवादी पार्टी पच्चीस सीटों पर अपने प्रत्याशी मैदान में उतार देगी।

कुल मिलाकर आईएनडीआईए के लिए महाराष्ट्र में सीटों का बंटवारा परेशानी का सबब बन गया है। और यदि यह मामला सुलझ भी जाता है

तो भी महाअघाड़ी के घटक दलों में व्याप्त असंतोष को दूर कर पाना असंभव की हद तक कठिन कार्य होगा। इनकी आपसी अंतर्कलह का फायदा एनडीए को मिलने की संभावना बढ़ जाएगी।

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