-सीआईआई के बजट बाद सम्मेलन में पीएम मोदी
-भारत की अर्थव्यवस्था 8 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है।
-वह दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा
नई दिल्ली। CII Conference: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया। इसके बाद मंगलवार को बजट के बाद सीआईआई सम्मेलन में उन्होंने विश्वास जताया कि उनके तीसरे कार्यकाल में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। मोदी ने कहा भारत की अर्थव्यवस्था 8 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है। वह दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कोरोना महामारी का सामना करने के बाद अब हम भारत को नई ऊंचाई पर ले गए हैं। हमारी सरकार के 10 साल के कार्यकाल में बजट का आकार तीन गुना बढ़कर 48 लाख करोड़ रुपये हो गया है। 10 साल में पूंजीगत व्यय पांच गुना बढ़कर 11.11 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले 10 वर्षों में मंत्रालयों के आवंटन में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है, जबकि कर दरें रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गई हैं।
कम मुद्रास्फीति वाला एकमात्र देश
जिस गति और स्तर पर सरकार बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रही है वह अभूतपूर्व है। भारत उच्च विकास दर और कम मुद्रास्फीति वाला एकमात्र देश है, और भारत वैश्विक विकास में 16 प्रतिशत का योगदान देता है। पिछले 10 में 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है पीएम मोदी ने कहा जीवन आसान है। हमारा जोर कौशल विकास, रोजगार पर है।
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की तस्वीर बदल गई है
पिछले 10 सालों में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की तस्वीर बदल गई है। हमारा एमएसएमई क्षेत्र पर अधिक ध्यान है क्योंकि यह रोजगार के करोड़ों अवसर पैदा करता है। प्रधानमंत्री ने बताया कि आज भारत में 1.40 लाख स्टार्टअप हैं और 8 करोड़ लोगों ने मुद्रा लोन के जरिए अपना कारोबार शुरू किया है।
प्रधानमंत्री के भाषण की मुख्य बातें
- आज भारत 8 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है। भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति है और वह दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा।
- जब पिछली सरकार का आखिरी बजट 2013-14 में आया था, तो यह 16 लाख करोड़ रुपये था। आज हमारी सरकार में बजट तीन गुना बढ़कर 48 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
- आज सभी देश निम्न विकास दर और उच्च मुद्रास्फीति के संकट का सामना कर रहे हैं। लेकिन भारत एकमात्र ऐसा देश है जहां विकास दर अधिक है और मुद्रास्फीति कम है।
- पिछले 10 वर्षों में भारत ने यह वृद्धि हासिल की है, भले ही ऐसे कई संकट आए, जिन्होंने अर्थव्यवस्था को हिलाकर रख दिया। हमने हर संकट का मुकाबला किया है, हर चुनौती का सामना किया है। अगर ये संकट नहीं होते, तो भारत और ज्यादा ऊपर पहुंच गया होता।
- दुनिया भर से निवेशक भारत आने के इच्छुक हैं। यह उद्योग के लिए एक सुनहरा अवसर है और हमें इसे चूकना नहीं चाहिए। हमें एक गरीब देश के रूप में आजादी मिली, लेकिन 2047 में हम एक विकसित देश के रूप में अपना 100वां स्वतंत्रता दिवस मनाएंगे।