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श्रीराम को समर्पित ये बड़ा काम करेगी राज्य सरकार, हो गया अहम फैसला

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रायपुर/नवप्रदेश। छत्तीसगढ़ सरकार (chhattisgarh government)  प्रभु श्रीराम को समर्पित एक बड़ा काम करने जा रही है। सरकार श्रीराम वनगमन पथ (ram vangaman path) के महत्वपूर्ण स्थलों को पर्यटन (tourism) की दृष्टि से विकसित (development) करने जा रही है। गुरुवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्री परिषद की बैठक में इस संबंध का फैसला लिया गया। यानी अब प्रदेश में स्थित उन महत्वपूर्ण स्थलों का दीदार लोग आसानी से कर सकेंगे जहां से वनवास के दौरान प्रभु श्रीराम गुजरे और जहां वे कुछ पल ठहरे।

cm bhupesh baghel and others during cabinet meeting

प्रथम चरण में ये 8 स्थल होंगे विकसित

प्रथम चरण में छत्तीसगढ़ सरकार (chhattisgarh government) ऐसे 8 स्थलों को पर्यटन (tourism) की दृष्टि से विकसित करने जा रही है। इनमें सीतामढ़ी- हरचौका, जिला कोरिया; रामगढ़, जिला सरगुजा; शिवरीनारायण, जिला जांजगीर चांपा; तुरतुरिया, जिला बलौदाबाजार-भाटापारा; चंद्रखुरी, जिला रायपुर; राजिम, जिला गरियाबंद; सिहावा (सप्त ऋषि आश्रम), जिला धमतरी; जगदलपुर, जिला बस्तर शामिल हैं।

ऐसे मूर्तरूप लेगी योजना

उक्त आठ स्थलों का चार विभागीय सदस्यों की टीम बनाकर सर्वे कराया जाकर आवश्यकता के अनुरूप पहुंच मार्ग का उन्नयन, साइनेजेस, पर्र्यटक सुविधा केंद्र, इंटरप्रिटेशन सेंटर, वैदिक विलेज, पगोड़ा, वेटिंग शेड, पेयजल व शौचालय जैसी मूलभूत सुविधा, सीटिंग बैंच, रेस्टारेंट, वाटर फ्रंट डेवलपमेंट, विद्युतीकरण आदि का विकास कार्य किए जाएंगे।

रायपुर जिले से होगा शुभारंभ

राम वनगमन पथ के स्थलों का विकास कार्य रायपुर जिले से शुरू होगा। जिले की आरंग तहसील में चंदखुरी स्थित कौशल्या माता के मंदिर से विकास कार्यों का शुभारंभ होगा।

शोध के आधार पर चुना गया स्थलों को

राम वनगमन पथ (ram vangaman path) विकास के लिए स्थलों का चयन इस संबंध में किए गए शोध के आधार पर किया गया, जो ‘छत्तीसगढ़ अस्मिता प्रतिष्ठान, रायपुर’ के द्वारा किया गया है। इसके तहत मन्नूलाल यदु के द्वारा दंडकारण्य रामायण किताब का प्रकाशन किया गया है। इसी विषय पर डॉ. हेमु यदु के द्वारा भी ‘छत्तीसगढ़ पर्यटन में राम वनगमन पथÓ के नाम से पुस्तक का प्रकाशन किया गया है।

इन शोध किताबों के अनुसार प्रभु श्रीराम ने अपने 14 वर्ष के वनवास में से छत्तीसगढ़ में 10 वर्ष व्यतीत किए। इन शोध प्रकाशनों के अनुसार श्रीराम ने छत्तीसगढ़ में वनगमन के दौरान करीब 75 स्थलों का भ्रमण किया। इनमें 51 स्थल ऐसे हैं, जहां प्रभु श्रीराम ने भ्रमण के दौरान रुककर कुछ समय व्यतीत किया था। शोधकर्ताओंं की ओर से श्रीराम के इन स्थलों का भ्रमण किए जाने की पुष्टि की गई है।

ये है उद्देश्य

छत्तीसगढ़ सकार द्वारा रामवनगमन पथ का पर्यटन की दृष्टि से विकास करने की योजना केे पीछे उद्देश्य राज्य में आने वाले पर्यटकों, आगंतुकों के साथ साथ राज्य के लोगों को भी राम वनगमन पथ एवं स्थलों को रू-ब-रू कराना है।

केंद्र से भी राशि प्राप्त करने का होगा प्रयास

इस योजना के लिए राज्य सरकार द्वारा बजट उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय की योजनाओं से भी राशि प्राप्त करने का प्रयास किया जाएगा। इससे इन स्थलों का राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रचार हो सकेगा।

अनुपूरक बजट का अनुमोदन भी

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्री परिषद की बैठक में राज्य सरकार के अनुपूरक बजट का अनुमोदन किया गया।

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