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CG vidhansabha: सन्त के सवाल पर धरम हुए लाल फिर भड़के शिव और हुआ ये…

CG vidhansabha, On the question of the saint, Lal became angry again Shiva and it happened,

cg vidhansabha

रायपुर/नवप्रदेश । CG vidhansabha: गुरुवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान धान के मुद्दे पर विपक्षी दल भाजपा के साथ ही कांग्रेस के संतराम नेताम के सवाल ने उलझन खड़ी कर दी।

खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने विपक्षी दल भाजपा के सदस्यों को अपने जवाब से संतुष्ट करने की कोशिश की लेकिन वे इससे संतुष्ट नहीं हुए और सदन से वाकआउट कर गए। पहले सवाल कांग्रेस के संतराम नेताम ने किया था।

उन्होंने अपने सवाल (CG vidhansabha) के जवाब में अनुपूरक सवाल करते हुए मंत्री भगत से पूछा था कि कोंडागांव जिले में जो धान सोसाइटी और संग्रहण केंद्रों पर शेष रह गया है वह क्यों रह गया आखिर उसकी कस्टम मिलिंग क्यों नहीं कराई जा रही है।

उन्होंने यह भी कहा कि 2019 का धान पड़ा हुआ है और 2020 के धान की कस्टम मिलिंग कराई जा रही है। इसके पीछे दोषी कौन है और उन पर क्या कार्रवाई होगी। संत राम राम के इस सवाल के साथ ही भाजपा सदस्यों को सरकार को घेरने का मौका मिल गया।                             

 भाजपा को मिला मौका

नेता प्रतिपक्ष  धरमलाल कौशिक (CG vidhansabha) ने कहा कि जिस धान की बात संतराम नेताम कर रहे हैं वह धान मिलिंग के लायक रहा ही नहीं है। वह राख हो गया है मिलर्स उसे उठाना नहीं चाह रहे हैं क्योंकि उससे चावल निकलने वाला नहीं है।

इसलिए अध्यक्ष महोदय मेरी आपसे गुजारिश है कि सदन की समिति से कोंडागांव के इस धान के मामले की जांच कराई जाए ताकि मामला सच सामने आ जाये बाद में भाजपा के सदस्य शिवरतन शर्मा ने मंत्री भगत से धान के रखरखाव तथा प्रासंगिक व्यय के लिए सोसायटियों को दी जाने वाली राशि तथा मिलर्स को कस्टम मिलिंग के लिए दी जाने वाली राशि को लेकर के सवाल किया।

इसके जवाब में मंत्री भगत (CG vidhansabha) में आंकड़ों सहित तथ्य प्रस्तुत किए। इसी बीच बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि मिलर्स को समय पर भुगतान नहीं होने से कस्टम मिलिंग का कार्य नहीं हो पा रहा है। इसी की वजह से धान खराब हो रहा है।

उन्होंने सोसायटियों को दिए जाने वाले प्रासंगिक व्यय के बारे में जानना चाहै तो मंत्री जवाब के लिए खड़े हो गए। बृजमोहन बोल ही रहे थे कि मंत्री जवाब पढ़ने लगे। इससे भाजपा सदस्य भड़क गए। वे नारेबाजी करते हुए वाक आउट कर गए।

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