रायपुर/नवप्रदेश। CG Vidhansabha : छत्तीसगढ़ के विधानसभा में चल रहे बजट सत्र में विपक्ष ने विभिन्न मुद्दों में कई जवाल-जवाब कर रहे है। इस दौरान ध्यानाकर्षण में विपक्ष के विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने राजधानी के गोलबाजार के व्यापारियों से विकास शुल्क की वसूली किये जाने का मामला उठाया।
इस मुद्दे पर जवाब देते हुए नगरीय प्रशासन मंत्री शिव डहरिया ने कहा 1857 में रायपुर नगर पालिका का निर्माण हुआ। तब विधायक बृजमोहन ने कहा कि मंत्री सदन गलत बयान दे रहा है। नगर पालिका 1977 में बनी है। 1920 में देश आजाद ही नहीं हुआ था तो इन व्यापारियों को पट्टा किसने दिया?
मंत्री के जवाब पर हंसते हुए विपक्षी विधायकों ने मांग की कि जमीन से जुड़े सभी रिकॉर्ड पटल पर रखे जाएं। विधायक बृजमोहन बोले- जमीन के नियम निर्धारित नहीं हुए हैं। आज तक के इतिहास में इस तरह के आबंटन हुए है क्या? नगर पालिका हो या नगर निगम, उनका उद्देश्य लोगों की सेवा करना है न कि पैसा कमाना। सरकार 1 रुपये में जमीन दे रही है और ये लोग सरकार से पैसा कमाने की कोशिश कर रहे हैं।
2% राशि लेकर व्यापारियों को दिया जाए मालिकाना हक
गोलबाजार रायपुर का ऐतिहासिक (CG Vidhansabha) बाजार है। हिंदुस्तान आजाद होने के बाद उस बाजार का नाम गांधी बाजार रखा गया है। इन बाजारों में सकरी गालिया है, उनका भी रेट वही रख दें, जो रेट मालवीय बाजार और अन्य बड़े बाजारो का है। बृजमोहन ने पूछा- क्या शासन उनसे नियमानुसार 2% टैक्स लेकर उन्हें जमीन फ्री होल्ड करेगी क्या?
ये कानून तुगलकी कानून है। व्यापारियों को तीनों मंजिलों का पैसा देना होगा। उस जमीन के विकास का पैसा स्मार्ट सिटी से लिया जाए और 2 फीसदी राशि लेकर जमीन का मालिकाना हक उन्हें दिया जाए।