Site icon Navpradesh

CG Chamber : ज्यादा यूजर चार्ज से व्यापारी परेशान, मंत्री से मिले प्रतिनिधि मंडल

CG Chamber: Traders upset due to high user charge, delegation met minister

CG-Chamber

रायपुर/नवप्रदेश। CG Chamber : नगर निगम द्वारा प्रस्तावित उपभोक्ता शुल्क को युक्तिसंगत बनाने के लिए चैंबर प्रतिनिधि आज नगरीय निकाय मंत्री शिव कुमार डहरिया से मिलकर ज्ञापन सौंपा। छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रदेश अध्यक्ष अमर परवानी ने बताया कि पूर्व में जहां एक व्यापारी 600/- रुपये समेकित कर के रूप में देता था, अब उसे कई गुना बढ़ा दिया गया है। इसे कम करने की मांग को लेकर आज मंत्री को ज्ञापन सौंपा।

मंत्री डहरिया ने कहा कि यह यूजर चार्ज केंद्र सरकार के निर्देश पर लिया जा रहा है। पिछली सरकार ने इसकी दरें राजपत्र में प्रकाशित की थी, जिसके अनुसार यूजर चार्ज लिया जा रहा है। सकारात्मक चर्चा में मंत्री डहरिया ने (CG Chamber) व्यापार प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि मौजूदा उपयोगकर्ता शुल्क की जांच करने के बाद, इसे यथासंभव युक्तिसंगत बनाया जाएगा।

वार्षिक शुल्क 600 से बढ़ाकर किया 7800 रुपए

आपको बता दे कि पूर्ववर्ती सरकार के द्वारा लिये गये निर्णय के अनुसार प्रदेश की विभिन्न नगर पालिक निगम एवं रायपुर नगर पालिक निगम द्वारा नगर के विभिन्न वार्डों में पृथककृत अपशिष्ट के संग्रहण शुल्क (यूजर चार्ज) को संपत्तिकर के साथ जोड़ कर लिये जा रहे हैं। वर्तमान में लिया जा रहा यह शुल्क वाणिज्यिक क्षेत्र (कमर्शियल क्षेत्र) के संस्थानों/व्यापारियों के लिये अत्यधिक बोझ है। पूर्व में जहां एक व्यापारी समेकित कर के रूप में 600/ रू. वार्षिक शुल्क देता था जिसमें 200 / सफाई शुल्क था उसे अब बढ़ाकर कई गुना की वृद्धि के साथ लगभग 7800 रुपए कर दिया है।

कोरोना काल में व्यापारियों ने निभाई हर जिम्मेदारी

पारवानी ने व्यपारियों की समस्याओं रखते हुए कहा कि, वर्तमान में वित्त वर्ष 2021-22 समाप्ति की ओर है तथा सभी व्यापारी विगत दो वर्षों से कोरोना की वजह से आर्थिक रूप से कमजोर हुए हैं। विगत वित्त वर्ष के 4 महीनों से अधिक समय व्यापार पूर्ण रूप से बंद रहा, परंतु व्यापारी समाज द्वारा बैंकों के ब्याज, जीएसटी, आयकर, लायसेंस शुल्क, संपत्तिकर पर भी किसी प्रकार की सहायता के लिए शासन से गुहार नहीं लगाई है, बल्कि अपितु स्टाफ को पूरा वेतन और दुकान के किराये का भी पूरा भुगतान किया है। साथ ही कोरोनाकाल में यथासंभव आम जनता की मदद कर अपने सामाजिक दायित्व का भी निर्वहन किया है।

भारी-भरकम यूजर चार्ज का है बोझ

ऑनलाइन कंपनियों के व्यापार ने स्थानीय व्यापारियों की कमर तोड़ दी है। इन सभी परिस्थितियों के कारण व्यवसायी वर्ग बहुत ज्यादा आर्थिक दबाव का सामना कर रहा है। कई व्यापारी अपने दैनिक खर्चों के लिये भी कर्ज लेने के लिए विवश हैं।नगर निगम द्वारा पहले ही संपत्ति कर के साथ समेकित कर, जल शुल्क, अतिरिक्त जल कर एवं शिक्षा उपकर लिया जा रहा है उस पर इतना भारी-भरकम यूजर चार्ज का बोझ उठाने की परिस्थिति में नहीं है।

पारवानी ने आगे कहा कि इसके अलावा ट्रक/एलसीवी द्वारा सब्जी/फल/फूल का लोडिंग/अनलोडिंग पर भी 80 रु. प्रति LCV मासिक शुल्क लगाया गया है, जो कि अव्यवहारिक है। चूंकि कौन सी ट्रक या LCV माल लेकर आयेगी यह निश्चित नहीं है, तो इसकी गणना कैसे होगी। यह शुल्क लगाने से अनावश्यक जटिलता बढ़ेगी।

पूर्व में सफाई शुल्क, समेकित शुल्क में ही समायोजित कर लिया जाता था, जिस पर महालेखाकार कार्यालय ने आपत्ति लेते हुए यूजर चार्ज को पृथक रूप से दर्शाते हुए टैक्स लेने हेतु निर्देशित किया है।

परवानी ने आग्रह किया कि सफाई शुल्क जो पहले समेकित शुल्क में समायोजित किया जा रहा था, उसे अलग उपयोगकर्ता शुल्क के रूप में दिखाते हुए 5 से 25 प्रतिशत तक बढ़ाया जा सकता है। ऐसा करने से व्यापारियों और आम जनता दोनों को अनावश्यक बोझ से मुक्ति मिलेगी और सरकार के राजस्व में भी वृद्धि होगी।

ज्ञापन देते समय (CG Chamber) महामंत्री अजय भसीन, कोषाध्यक्ष उत्तम गोलछा, कार्यकारी अध्यक्ष राजेन्द्र जग्गी, विक्रम सिंहदेव, राम मंधान, मनमोहन अग्रवाल, सलाहकार अमर गिदवानी, उपाध्यक्ष विजय शर्मा, मंत्री-शंकर बजाज, जय नानवानी, विक्रम व्यास आदि प्रमुख रूप से शामिल थे।

Exit mobile version