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CG Chamber : लोकसभा सांसद से मिला चैम्बर प्रतिनिधिमंडल

CG Chamber: Chamber delegation met with Lok Sabha MP

CG-Chamber

रायपुर/नवप्रदेश। CG Chamber : छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने आज सांसद सुनील सोनी से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में फुटवेयर उत्पादों में बढ़ी हुई 12% GST की दर पूर्ववत यानी 5% करने एवं अनब्रांडेड प्रीपैकेज्ड खाद्यान्नों पर लगे 5% जीएसटी से छूट के लिए आग्रह किया गया।

ज्ञापन देने छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (CG Chamber) के महामंत्री अजय भसीन, कोषाध्यक्ष उत्तमचंद गोलछा, कार्यकारी अध्यक्ष राजेन्द्र जग्गी, विक्रम सिंहदेव,राम मंधान, मनमोहन अग्रवाल, मंत्री जवाहर थौरानी, पवन मंधान एवं छत्तीसगढ़ शु चेम्बर सलाहकार जिनेश जैन, तनेश आहूजा, छत्तीसगढ़ शु चेम्बर महासचिव शिव गंगवानी सहित रायपुर फुट वियर अध्यक्ष नितेश अग्रवाल उपस्थित रहे।

अधिकांश जूता व्यापारी निम्न और मध्यम वर्ग द्वारा चलाए जाते

पारवानी ने बताया कि फुटवेयर से सम्बंधित उत्पाद एक आवश्यक वस्तु के अंतर्गत आता है जिसका उपयोग मुख्यतः निम्न एवं मध्यम वर्ग के द्वारा किया जाता है। जुते चप्पल के व्यवसायी निम्न एवं मध्यम वर्ग के लोगों के आवश्यकता के अनुरूप ही व्यवसाय करते हैं जिससे आम लोगों की आवश्यक ज़रूरतें पूरी हो सके।

वर्तमान में कोरोना महामारी ने छोटे बड़े जुते चप्पल के व्यवसायियों की कमर तोड़ दी, इनसे सम्बंधित जो गरीब तबके के कामगार थे वे सभी बेरोजगार हो गए । महामारी के अंत के साथ जुते चप्पल के व्यवसायी फिर से अपना व्यवसाय मुख्य मार्ग में लेन की कोशिश में हैं, बेरोजगार कामगारों को अब रोजगार मिलने लगा है जो प्रदेश की अर्थव्यवस्था की बेहतरी के लिए आवश्यक है।

पारवानी ने आगे कहा कि मंहगाई के दौर में अधिकतम 1000/ मूल्य तक के जूते चप्पल का उपयोग कारखानों के मजदूर सेफ्टी शूज के रूप में, विद्यार्थियों द्वारा स्कूल शूज के रूप में, मजदूर एवं किसान द्वारा खेतो में कार्य हेतु PVC शूज तथा दैनिक उपयोग में आने वाली सस्ती रबड़ की चप्पल के रूप में समाज के विभिन्न वर्गों द्वारा किया जाता है जिस पर जीएसटी दर 5% से बढाकर 12% कर दिया गया है । फुटवियर उत्पाद के व्यवसायियों के साथ हस्त निर्मित कारीगर, कुटीर एवम लघु उद्योग संचालक, हाट बाजार एवम फेरी द्वारा का कार्य करने वाले छोटे छोटे व्यवसायियों और प्रदेश की निम्न और मध्यम वर्ग की जनता पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।

80% व्यापारी जीएसटी में पंजीकृत नहीं

अनब्रांडेड प्रीपैक्ड खाद्यान्नों (CG Chamber) पर 5% की दर से जीएसटी काउन्सिल द्वारा लगाये गए कर के सम्बन्ध में पारवानी ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में छोटे–बड़े सभी को मिलाकर 3 से 4 लाख तक खाद्य पदार्थ व्यवसायी हैं जिनमे से 70 से 80% व्यवसायियों का टर्नओवर 40 लाख तक है तथा जो बही खातों से अनभिज्ञ हैं एवं जीएसटी में पंजीकृत नहीं हैं। पूरे छत्तीसगढ़ में सामान्यतः मध्यमवर्गीय परिवार के व्यापारी ही व्यापार करते हैं यदि अनब्रांडेड प्रीपैक्ड खाद्यान्नों पर 5% टैक्स लगाया जाता है।

अपने व्यवसाय में व्यस्त रहने वाले छोटे-मंझोले व्यवसायियों हेतु यह प्रक्रिया जटिल है जिसके परिणाम स्वरुप ये व्यवसायी केवल बही खातों में ही उलझ जायेंगे, बड़ी संख्या में रोजगार देने वाले ये व्यापारी स्वयं ही बेरोजगार हो जायेंगे तथा छत्तीसगढ़ का व्यवसाय बुरी तरह से प्रभावित होगा। सांसद सोनी ने इस विषय पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए उचित कदम उठाने की बात कही।

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