0 GST से जुड़े मामलों की जांच कर सकेगी ED, मनी लॉन्ड्रिंग में दर्ज होगा केस
नई दिल्ली/नवप्रदेश डेस्क। Center’s Big Decision Regarding GST : केन्द्र सरकार ने GST के संबंध में ऐतिहासिक निर्णय लिया है। नए फैसले के मुताबिक फर्जी GST इनवॉइस के तहत इनपुट टैक्स क्रेडिट करने संबंधित फर्जीवाड़े को अंजाम देने वालों के खिलाफ आने वाले वक्त में कड़ी कार्रवाई की जा सकती है। शनिवार को एक गैजेट नोटिफिकेशन यानी अधिसूचना जारी भी की गई है।
इस के तहत अब Center’s Big Decision Regarding GST : केन्द्र सरकार मनी लॉन्ड्रिंग के कानून को और बल देते हुए गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स नेटवर्क को पीएमएलए यानी मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत सीधा दखल देने वाली है। इसका मतलब अब साफ हो गया है की गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स नेटवर्क से अब हर डाटा, डक्यूमेंट, सबूतों को केंद्रीय जांच एजेंसी के साथ साझा किया जाएगा। जीएसटीएन की अगर बात करें तो ये जीएसटी के लिए ही ये एक प्लेटफार्म है।
ऐसे फर्जीवाड़ा करने वालों पर होगा प्रभावी असर
जीएसटी में फर्जीवाड़े को अंजाम देने वाले कारोबारी ,व्यापारी या कोई फर्म ,कंपनी के खिलाफ सीधे तौर पर ईडी की एंट्री अब आसान हो गई है। इस अधिसूचना का भविष्य में राज्यों के स्तर में इनपुट टैक्स क्रेडिट का फर्जी दावा करने वालों का दावा काफी बड़ा हो सकता है। कई राज्यों में देखने को मिला था की माल की झुलाई के लिए बिना इनवॉइस जनरेट किए ही आपूर्तिकर्ता उनही फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा करते हैं।
इस नए कानून के तहत उन लोगों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया जा सकता है जो फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट लेते हैं। फर्जी चालान जेनरेट करके सरकार को चूना लगाने का काम करते हैं। सरकार को चूना लगाने की अगर बात करें तो साल 2019 -20 के दौरान ही फर्जी जीएसटी इनवॉइस के तहत करीब चार हजार करोड़ रूपये का चूना लगाया गया था , हालांकि उसके बाद जीएसटी खुफिया महानिदेशालय ने उसी दौरान करीब 24,000 करोड़ रुपये के फर्जी इनवॉइस को पकड़ा था।