नई दिल्ली। CEAI: देश में परामर्शदाता इंजीनियरों की शीर्ष संस्था कंसल्टिंग इंजीनियर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (CEAI) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से सलाहकार एवं सेवा समुदाय के लिए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) तथा स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) संग्रह की व्यवस्था पर दोबारा विचार करने का अनुरोध किया है।
संस्था (CEAI) ने गुरुवार को लिखे पत्र दोनों से अनुरोध किया कि इस क्षेत्र को ग्राहकों से भुगतान मिलने के बाद ही जीएसटी तथा टीडीएस जमा करने की सुविधा दी जाए। सीईएआई अध्यक्ष अमिताभ घोषाल ने कहा, इस समय सलाहकार अथवा कंसल्टेंट ईमानदार पेशेवरों और फर्मों की तरह अपने कर जमा करते हैं।
किंतु जीएसटी तथा टीडीएस जमा करते समय काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है क्योंकि इसे अक्रुअल एंड ड्यू आधार पर यानी खर्च करते ही जमा कर देना पड़ता है। जीएसटी को बिल बनने के 30 दिन के भीतर जमा कर देना होता है, ग्राहकों से भुगतान मिलने के बाद नहीं।
श्री घोषाल ने कहा, कंसल्टिंग इंजीनियरिंग कंपनियां (CEAI) सेवा क्षेत्र से जुड़ी हैं और उनका अस्तित्व ग्राहकों से समय पर भुगतान मिलने पर ही टिका है। बैंक पेशेवरों को अग्रिम ऋण देने के लिए तैयार नहीं होते और जीएसटी तथा आयकर चुकाने या जमा करने के लिए कर्ज नहीं देते।
ग्राहकों से भुगतान मिलने में देर हो तो हमारी वित्तीय स्थिति पर गलत प्रभाव पड़ता है, जिससे जीएसटी जमा करने में देर होती है और ब्याज भी जुड़ जाता है।