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Campaign Against Terrorists : कश्मीर में आतंकियों का खात्मा जरूरी

Campaign Against Terrorists: It is necessary to eliminate terrorists in Kashmir

Campaign Against Terrorists

Campaign Against Terrorists : जम्मू कश्मीर में सेना और सुरक्षा बलों के द्वारा आतंकवादियों के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है। इसके बावजूद वहां अभी भी कई आतंकवादी छिपे हुए है। जो रह-रह कर छिट पूट आतंकी घटनाओं को अंजाम देते रहते हैं। इन आतंकवादियों ने सरकारी दफ्तर में घुसकर दिन दहाड़े राहुल भट्ट नामक एक कश्मीरी पंडित की गोली मारकर हत्या कर दी। इस घटना के बाद सुरक्षा बल के जवानों तत्काल जवाबी कार्रवाई की और दो आतंकवादियों को जहन्नूम रसिद कर दिया। जिसमें से एक पाकिस्तानी आतंकवादी था। इसके बाद से सेना ने वहां सर्च अभियान तेज कर दिया है।

आतंकवादियों की सघन तलाश (Campaign Against Terrorists) की जा रही है। कश्मीरी पंडित की हत्या की घटना के बाद वहां रह रहे। कश्मीरी पंडितों में असुरक्षा की घृणा कर रही है। गौरतलब है कि 370 के खात्मे के बाद केन्द्र सरकार कश्मीर में कश्मीरी पंडितों को फिर से बसाने के लिए कार्ययोजना बना रही है। इसी के तहत कुछ कश्मीरी पंडितों को वहां बसाया गया है और विशेष पैकेज देकर उन्हें सरकारी नौकरी भी दी गई है। कश्मीर घाटी में कश्मीरी पंडितों की वापसी वहां के दहशत गर्दों को रास नहीं आ रही है। इसीलिए अब वे एक बार फिर कश्मीरी पंडितों को निशाना बनाकर उनमें दहशत फैलाना चाह रहे हैं।

उनके ये नापाक मनसुबे तभी नाकाम होंगे। जब वहां बचे कुचे आतंकवादियों को खत्म किया जाएगा। इसके लिए सेना, सुरक्षाबलों और स्थानीय पुलिस को मिलकर आतंकवादियों के खिलाफ युद्ध स्तर पर बड़ा अभियान चलाना होगा। इन आतंकवादियों को सहयोग करने वाले अलगाववादियों और स्थानीय लोगों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई करनी होगी। तभी कश्मीर घाटी में शांति बहाल हो पाएगी और कश्मीरी पंडितों की वापसी सुनिश्चित हो पाएगी।

पड़ोसी देश पाकिस्तान कश्मीर (Campaign Against Terrorists) में 370 के खात्मे के बाद से बौखलाया हुआ है और वह कश्मीर में आतंकवाद की आग को हवा देने के लिए नए-नए हथकंडे अपना रहा है। पाकिस्तान के नापाक इरादों से भी भारत को सावधान रहने की जरूरत है और कश्मीर घाटी में एक बड़ी सर्जिकल स्ट्राईक तत्काल करनी होगी। ताकि वहां जो गिनती के आतंकवादी बच गए है उन्हें नेस्तनाबुत किया जा सके। उम्मीद की जानी चाहिए कि केन्द्र सरकार कश्मीर घाटी में कश्मीरी पंडितों के वापसी के लिए अनुकूल माहौल बनाने में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ेगी।

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