Campaign against infiltrators in Chhattisgarh also: हमारे देश में घुसपैठियों की बढ़ती संख्या को लेकर नई दिल्ली और महाराष्ट्र जैसे प्रदेशों में घुसपैठियों के खिलाफ अभियान तेज किया गया है। इसी क्रम में अब छत्तीसगढ़ में भी घुसपैठियों को खदेडऩे के लिए उनके खिलाफ पुलिस ने अभियान छेड़ दिया है। इसके तहत राजधानी के विभिन्न थाना क्षेत्रों में संदिग्ध लोगों की पहचान कर उनसे पूछताछ की जा रही है।
खासतौर पर बंगाल और जम्मू कश्मीर सहित पूर्वोत्तर राज्यों के रहने वाले लोगों की पड़ताल की जा रही है। पुलिस ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने जा रही है। जिनके पहचान पत्र संदिग्ध पाये जा रहे हैं। गौरतबल है कि छत्तीसगढ़ में भी बड़ी संख्या में बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों के आने की खबरें सुर्खियों में बनी रही हैं।
ये घुसपैठिए प्रदेश की कानून और व्यवस्था के लिए भी खतरा बने हुए हैं। छत्तीसगढ़ में हाल ही में अपराधों का ग्राफ भी बढ़ा है और ऐसे अपराधों के पीछे इन घुसपैठियों का हाथ होने की संभावना जताई जाती रही है। यही वजह है कि छत्तीसगढ़ में अवैध रूप से रह रहे लोगों के खिलाफ देर से ही सही लेकिन दुरूस्त कार्यवाही की जा रही है। जिसका स्वागत किया जाना चाहिए।
छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरूण साव ने कहा है कि इस प्रदेश में अवैध रूप से रह रहे लोगों के कारण कई तरह की समस्या उत्पन्न हो रही है और ये घुसपैठिए छत्तीसगढ़ की कानून और व्यवस्था के लिए भी गंभीर खतरा बन गये हैं। इसलिए उनके खिलाफ व्यापक अभियान चलाया जा रहा है।
इनमें से जिनके पास भी कोई आईडेंटीटी नहीं होगी उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी। यह संतोष का विषय है कि घुसपैठियों के खिलाफ चला जा रहे अभियान का प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने भी समर्थन किया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा है कि राजधानी रायपुर में जिन दो हजार संदिग्धों से पुलिस ने पूछताछ की है।
उनमें से जो भी यहां असंवैधानिक रूप से रहता पाया जाता है। उसके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जानी चाहिए। बहरहाल उम्मीद की जानी चाहिए की शीघ्र ही छत्तीसगढ़ घुसपैठियों से मुक्त होगा।