बंद नहीं होंगी सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनियां
नई दिल्ली/नवप्रदेश। बीएसएनएल और एमटीएनएल (bsnl-mtnl) का विलय (merger) होने जा रहा है। दोनों के कर्मचारियों (employees) को आकर्षिक स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (vrs) का प्रस्ताव भी दिया जाएगा।
सरकार ने आर्थिक तंगी से जूझ रहीं सार्वजनिक क्षेत्र की इन दोनों दूरसंचार कंपनियों के बंद किए जाने की अटकलाें पर विराम लगाते हुये इनके विलय (merger) को बुधवार को सैद्धांतिक मंजूरी (approval) प्रदान कर दी।
साथ ही इनके पुनरुद्धार के लिए 15 हजार करोड़ रुपए बांड से और संपदा मौद्रिकरण कर 38 हजार करोड़ रुपये जुटाने को अनुमति दे दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई।
अब कर्मचारियों पर बड़ी जिम्मेदारी : प्रसाद
संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बैठक में लिए गये निर्णयों की जानकारी दी। उन्होंने बीएसएनएल तथा एमटीएनएल के लिए पैकेज को मंजूरी देने के लिए धन्यवाद देते हुये कहा कि अब इन दोनों कंपनियों के कर्मचारियों पर इनको लाभकारी बनाने की जिम्मेदारी होगी। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को आकर्षिक स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (vrs) पैकेज को भी अनुमोदित किया गया है।
दोनों को मिलेगा 4 जी स्पेक्ट्रम
सरकार ने इन कंपनियों को प्रशासनिक आवंटन के आधार पर 4 जी स्पेक्ट्रम देने का भी निर्णय लिया है जो वर्ष 2016 के स्पेक्ट्रम मूल्य पर दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि सरकार इन दोनों कंपनियों को पेशेवर और प्रतिस्पधी बनाना चाहती है। इसके लिए ये निर्णय लिये गये हैं। सरकार की मंशा कभी भी इन दोनों कंपनियों को बंद करने या बेचने या विनिवेश करने की नहीं रही है।
दिल्ली, मुंबई में सेवाएं देती है एमटीएनएल
उल्लेखनीय है कि एमटीएनएल दिल्ली और मुंबई में सेवायें प्रदान करती है, जबकि बीएसएनएल इन दोनों शहरों को छोड़कर पूरे देश में सेवायें देती है। गला कट प्रतिस्पर्धा के कारण भारी आर्थिक तंगी से ये दोनों कंपनियां जूझ रही हैं।