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BREAKING: हाथ में तलवार लेकर शांतिपूर्ण विरोध कौन करता है?; किसान आंदोलन पर हाईकोर्ट की नाराज..

BREAKING: Who does peaceful protest with sword in hand?; High Court angry on farmer movement..

kisan andolan

-जज ने कहा कि आप नेताओं को गिरफ्तार कर चेन्नई भेजा जाए

नई दिल्ली। kisan andolan: पंजाब और हरियाणा में चल रहे किसान आंदोलन पर चंडीगढ़ हाई कोर्ट सुनवाई कर रहा है। इस बार विरोध की तस्वीरें देखकर जज प्रदर्शनकारी किसानों पर भड़क गए। हरियाणा सरकार ने कोर्ट को प्रदर्शनकारी किसानों की तस्वीरें दिखाईं। कोर्ट ने शुभकरण की मौत की जांच के आदेश दिए। साथ ही हाथ में तलवार लेकर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कौन करता है? ये सवाल हाई कोर्ट ने पूछा है।

गुरुवार की सुनवाई में हाईकोर्ट ने किसानों (kisan andolan) के साथ-साथ पंजाब और हरियाणा सरकार को भी सुना। दोनों राज्य सरकारें इस आंदोलन को संभालने में विफल रहीं। किसान शुभकरन की मौत की जांच सेवानिवृत्त जज से कराने के आदेश दिए गए हैं। यहां 3 सदस्यीय कमेटी बनाई जाएगी। सुनवाई के दौरान जब हरियाणा सरकार ने प्रदर्शनकारी किसानों की तस्वीरें हाई कोर्ट को दिखाईं तो जज नाराज हो गए।

विरोध की तस्वीरें देखने के बाद हाई कोर्ट ने कहा कि ये बेहद शर्मनाक मामला है, आप बच्चों को आगे कर रहे हैं। आपके हाथों में हथियार लेकर बच्चों के पीछे विरोध करते हुए खड़े होने का कोई अधिकार नहीं है। तुम युद्ध में थोड़ी जा रहे हो, ये पंजाब की संस्कृति नहीं है। आप नेताओं को गिरफ्तार कर चेन्नई भेजा जाना चाहिए। कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि यह शर्मनाक है कि आप निर्दोष लोगों को आगे बढ़ा रहे हैं।

शुभकरण की मृत्यु कैसे हुई?

इस बीच शुभकरण की मौत की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने आ गई है। शुभकरण सिंह की मृत्यु पटियाला के खनुरी में हुई। पोस्टमॉर्टम से पता चला कि शुभकरण की मौत हाथ में गोली लगने से हुई। शुभकरण के सिर में भी पतले छर्रे लगे। किसान पिछले 20 दिनों से हरियाणा बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। ये आंदोलन दिल्ली की ओर आगे बढ़ेगा। लेकिन अब हाईकोर्ट ने प्रदर्शनकारी किसानों से नाराजगी जताई है।

एक्टर ने किया किसान आंदोलन का समर्थन

बॉलीवुड एक्टर नाना पाटेकर ने भी देश में चल रहे किसान आंदोलन (kisan andolan) का समर्थन किया है। इस मौके पर नाना पाटेकर ने किसानों से अहम अपील की है। नाना पाटेकर ने कहा कि अब समय आ गया है कि किसान बिना कुछ मांगे तय कर लें कि वे देश में किसकी सरकार लाना चाहते हैं।

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