नई दिल्ली। Cyber attack: वर्तमान में कोरोना के आगे सभी देश कमजोर हैं। कोरोना महामारी से निपटने के लिए दुनिया भर की कई दवा कंपनियां वैक्सीन विकसित करने के लिए काम कर रही हैं।
कई कंपनियों ने भी वैक्सीन के अंतिम चरणों का परीक्षण शुरू कर दिया है। हालांकि जैसा कि कोरोना वैक्सीन पर काम जारी है, फार्मा कंपनियों पर साइबर हमले बढ़ रहे हैं। अब हैकर्स (Cyber attack) की नजर भारतीय फार्मा कंपनियों पर है।
प्रसिद्ध फार्मा कंपनी ‘डॉक्टर रेड्डीज लैब’ पर पिछले 15 दिनों में हमला किया गया था। इसलिए अब मुंबई में प्रसिद्ध फार्मा कंपनी ल्यूपिन पर साइबर हमले की खबर है। दवा उद्योग के अधिकारियों के मुताबिक, अब तक पश्चिमी देशों में वैक्सीन से संबंधित साइबर हमले हो रहे थे।
वे अब दुनिया भर में हो रहे हैं। अब भारत में फार्मा कंपनियां कोरोना वैक्सीन की वैश्विक श्रृंखला का हिस्सा हैं। यही कारण है कि हैकर्स इन कंपनियों पर नजर रखते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, भविष्य में इसी तरह के साइबर हमले (Cyber attack) बढऩे की संभावना है।
ऐसा माना जाता है कि हैकर वैक्सीन और इस वैक्सीन की आपूर्ति श्रृंखला की जानकारी प्राप्त करने के लिए साइबर हमलों (Cyber attack) को अंजाम दे रहे हैं। भारत में एक वैक्सीन निर्माता के एक अधिकारी के अनुसार, देश की अधिकांश फार्मा कंपनियों ने पिछले एक दशक में डिजिटल स्पेस में निर्माण प्रक्रिया से संबंधित अपने दस्तावेज और डेटा डाल दिए हैं।
डिजिटलीकरण का खतरा पिछले साल ही उठा था। उस समय, साइबर सुरक्षा सेवा प्रदाता कास्परस्की ने कहा कि भारत साइबर हमलों का छठा सबसे कमजोर देश था। संगठन ने कहा कि न केवल, बल्कि यहां दवा कंपनियों को साइबर हमलों का सबसे अधिक खतरा है।