नई दिल्ली। Black Fungus Symptoms: कोरोना वायरस का संकट बढ़ता ही जा रहा है. देश के विभिन्न हिस्सों में म्यूकोर्मिकोसिस के रोगियों की संख्या बढ़ रही है। कई मर रहे हैं। अकेले महाराष्ट्र में ब्लैक फंगस से 90 लोगों की मौत हो चुकी है। दिल्ली और राजस्थान में भी प्रकोप की सूचना मिली है। ऐसे में एम्स ने ब्लैक फंगस को लेकर कुछ गाइडलाइंस जारी की हैं। जो काले फंगस की पहचान और इलाज में मदद कर सकता है।
किन मरीजों को है सबसे ज्यादा खतरा….
- मधुमेह के रोगी। अपने मधुमेह के बावजूद, वे टोसीलिज़ुमैब जैसी स्टेरॉयड दवाएं लेते हैं।
- कैंसर का इलाज चल रहा है या किसी पुरानी बीमारी से पीडि़त है। (म्यूकोर्मिकोसिस के लक्षण)
- टोसीलिज़ुमैब और स्टेरॉयड का अधिक सेवन करें।
- कोरोना के गंभीर मरीज जो ऑक्सीजन मास्क या वेंटिलेटर पर हैं।
आपको कैसे पता चलेगा कि आपके पास Black Fungus है?
(ब्लैक फंगस, म्यूकोर्मिकोसिस की पहचान कैसे करें?)
- नाक से खून आना, मवाद या काला स्राव होना। (ब्लैक फंगस के लक्षण)
- नाक बंद होना, सिरदर्द या आंखों में दर्द, पलकों में सूजन, धुँआदार रूप, आँखों का लाल होना, दृष्टि की हानि, धुंधली दृष्टि
- चेहरे पर सुन्नपन या झुनझुनी होना। मुंह खोलते समय काटने में परेशानी।
- दांतों में सडऩ, मुंह में या उसके आसपास सूजन। (सभी लक्षणों को अच्छी रोशनी में देखा जाना चाहिए।)
ब्लैक फंगस के लक्षण दिखने पर क्या करें…
(म्यूकोर्मिकोसिस, ब्लैक फंगस का पता लगाने के बाद अगला कदम क्या है)
- किसी भी कान, नाक, आंख यानी ईएनटी डॉक्टर के पास जाएं। या ऐसे मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टर के पास जाएं।
- उपचार प्रतिदिन लेना चाहिए। अगर आपको मधुमेह है, तो अपने रक्त शर्करा की निगरानी करते रहें।
- कोई और बीमारी हो तो उसकी दवा लेते रहें और उस पर नजर रखें.
- खुद से कोई स्टेरॉयड या कोई अन्य दवा न लें। डॉक्टर की सलाह पर ही इलाज करना चाहिए।
- डॉक्टर की सलाह के अनुसार एमआरआई और सीटी स्कैन करवाना चाहिए। नाक और आंख की जांच जरूरी है।