भारत सरकार देश के वाणिज्यिक वाहन चालकों को आर्थिक रूप से सशक्त और स्वतंत्र बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रही है। सहकारिता मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में जानकारी दी कि सरकार अपना राइड-हेलिंग मोबिलिटी एप ‘भारत टैक्सी’ लांच करने जा रही है, जिसका उद्देश्य कैब और टैक्सी ड्राइवरों को निजी कंपनियों की निर्भरता और भारी कमीशन के बोझ से राहत देना है (Bharat Taxi App Launch)।
दिल्ली में मंगलवार से इस सेवा का पायलट प्रोजेक्ट शुरू कर दिया गया है, जबकि गुजरात में ड्राइवरों का पंजीकरण जारी है। इस प्लेटफॉर्म पर अब तक 51 हजार से अधिक ड्राइवर कार, ऑटो और बाइक श्रेणी में जुड़ चुके हैं।
अमित शाह ने बताया कि भारत टैक्सी एप दिसंबर से पूरे देश में शुरू होने की उम्मीद है। इसे एमएससीएस अधिनियम 2002 के तहत पंजीकृत सहकार टैक्सी कोऑपरेटिव लिमिटेड संचालित करेगा। इस संस्था के प्रवर्तक अमूल, इफको, कृभको, नेफेड, एनडीडीबी, एनसीईएल, एनसीडीसी और नाबार्ड जैसे बड़े सहकारी संस्थान हैं। यह देश का पहला डिजिटल राइड-हेलिंग प्लेटफॉर्म होगा जो पूरी तरह सहकारी मॉडल पर आधारित होगा।
भारत टैक्सी एप की प्रमुख विशेषताएं होंगी—यूजर फ्रेंडली बुकिंग सिस्टम, पारदर्शी किराया, लाइव व्हीकल ट्रैकिंग, सुरक्षित व सत्यापित ड्राइवर ऑनबोर्डिंग, बहुभाषी इंटरफेस और 24 घंटे ग्राहक सहायता। सबसे बड़ी बात यह है कि इसमें जीरो-कमीशन मॉडल लागू होगा, यानी ड्राइवर अपनी हर राइड की पूरी कमाई बिना किसी कटौती के प्राप्त करेंगे। इससे ड्राइवरों की आय बढ़ेगी और यात्रियों को भी अधिक पारदर्शी व सुरक्षित सेवा मिलेगी (Bharat Taxi App Launch)। सरकार का कहना है कि यह प्लेटफॉर्म चालक समुदाय को आर्थिक सुरक्षा, सम्मान और बेहतर आय उपलब्ध कराने में बड़ी भूमिका निभाएगा।
एप को दिल्ली मेट्रो सहित विभिन्न परिवहन सेवाओं से जोड़ा गया है, ताकि यात्रियों को एकीकृत यात्रा बुकिंग का अनुभव मिल सके। साथ ही दिल्ली पुलिस के सहयोग से यात्रियों और ड्राइवरों दोनों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया है। सहकारिता मंत्रालय का कहना है कि इस पहल का उद्देश्य निजी टैक्सी कंपनियों की उच्च कमीशन संरचनाओं से ड्राइवरों को राहत देना और सहकारी मॉडल के माध्यम से बेहतर अवसर उपलब्ध कराना है।
सहारा जमाकर्ताओं को वापस मिले 6,841.86 करोड़ रुपये
अमित शाह ने लोकसभा में बताया कि सहारा समूह की सहकारी समितियों के जमाकर्ताओं को अब तक कुल 6,841.86 करोड़ रुपये की राशि लौटाई जा चुकी है। यह रकम 35.44 लाख जमाकर्ताओं को वापस की गई है। सहारा रिफंड और री-सबमिशन पोर्टल के माध्यम से 1.41 करोड़ लोगों ने आवेदन किया था, जिनमें से इन जमाकर्ताओं को भुगतान किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने सहारा समूह के वास्तविक जमाकर्ताओं को भुगतान की समयसीमा 31 दिसंबर 2026 तक बढ़ा दी है।

