Site icon Navpradesh

Bazar ki News : चांदी ने दिया शेयर बाजार और सोने से ज्यादा रिटर्न…जानें वजह

Bazar ki News: Silver gave more returns than the stock market and gold… know the reason

Bazar ki News

नई दिल्ली/नवप्रदेश। Bazar ki News : बीते कुछ दिनों में शेयर बाजार में तेजी बढ़ गई है या सोना आपको सबसे अधिक चमकता नजर आ रहा है? आप गलत नहीं हैं, शेयर बाजार और सोना दोनों में बीते दो महीनों में उछाल आई है। लेकिन इस दौरान निवेशकों को सबसे अधिक मालामाल चांदी ने किया है। बीते दो महीनों में चांदी की कीमत में 23 फीसदी से अधिक की तेजी आई है, जो कि सोने (9%) और सेंसेक्स (3%) में आई उछाल से दो गुना से भी अधिक है।

दो महीने पहले 21 अक्टूबर को एक किलो चांदी का दाम 55 हजार 555 रुपए प्रति किलो था, जो 21 दिसंबर को बढ़कर 68 हजार 471 रुपए प्रति किलो हो गया। यह 23 फीसदी से अधिक की उछाल है। सिर्फ भारत में ही नहीं, दुनियाभर में चांदी की कीमत में उछाल देखने को मिली है। इस साल चांदी की मांग रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने और सप्लाई में कमी ने इस सफेद धातु के दाम को इस ऊंचाई पर पहुंचाया है। जानकारों का मानना है कि नए साल यानी 2023 में चांदी की कीमत नया रिकॉर्ड बना सकती है।

इन वजहों से बढ़ रही चांदी की कीमत

चांदी की वैश्विक मांग इस साल रिकॉर्ड 1.21 अरब औंस के करीब पहुंची।

न्यूयॉर्क के कॉमेक्स की इन्वेंट्री 70% गिरकर 10 लाख टन के करीब रह गई।

लंदन बुलियन मार्केट एसो. का भंडार नवंबर में 27.1 हजार टन रह गया।

भारत में खरीदारों ने कम कीमतों का लाभ उठाकर अपना भंडार भर लिया।

रिकॉर्ड मांग के बीच सप्लाई कि किल्लत ने चांदी की कीमतों को हवा दे दी।

चांदी की वैश्विक मांग इस साल नए रिकॉर्ड पर : अनुज गुप्ता

ब्रोकरेज फर्म आईआईएफएल सिक्युरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट अनुज गुप्ता कहते हैं, चांदी की वैश्विक मांग इस साल 1.21 अरब औंस के नए रिकॉर्ड पर पहुंचने की उम्मीद है। यह साल 2021 की तुलना में 16% अधिक है। चांदी में भौतिक निवेश की मांग पिछले वर्ष की तुलना में 18% की वृद्धि के साथ 32.9 करोड़ औंस तक बढ़ने की उम्मीद है। चांदी की औद्योगिक मांग 53.9 करोड़ औंस पहुंच गई है, जो कि नया रिकॉर्ड है।

खुदरा निवेशकों की ओर से चांदी की फिजिकल मांग भी इस साल मजबूत रही है। चांदी के गहनों और बर्तनों की मांग रिकॉर्ड ऊंचाई पर है। इस साल चांदी के गहने की मांग 23.5 करोड़ औंस और चांदी के बर्तन की मांग 7.3 करोड़ औंस पर पहुंच गई। यह पिछले साल की तुलना में क्रमश: 29% और 72% अधिक है। चांदी की रिकॉर्ड मांग इसकी कीमतों को पर लगा रही है।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चांदी की किल्लत प्रमुख कारण : अजय केडिया

कमोडिटी एडवायजरी फर्म केडिया एडवायजरी के निदेशक अजय केडिया तेज मांग के बीच अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चांदी की किल्लत को कीमतों में तेजी का कारण मानते हैं। केडिया कहते हैं, पिछले 18 महीनों में न्यूयॉर्क के कॉमेक्स की इन्वेंट्री 70% गिरकर 10 लाख टन से कुछ ही अधिक रह गई है। इसके अलावा, लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन का भंडार नवंबर में लगातार 10वें महीने गिरकर 27.1 हजार टन रह गया, जो रिकॉर्ड कम है। भारत में भी 2022 में चांदी की मांग लगभग दोगुनी हो गई, क्योंकि खरीदारों ने 2020 और 2021 में कम कीमतों का लाभ उठाकर अपना भंडार भर लिया। रिकॉर्ड मांग के बीच सप्लाई कि किल्लत ने चांदी को सोने की तुलना में अधिक तेजी प्रदान की है।

औद्योगिक जिंस के कारण चांदी की मांग मजबूत : कोलिन शाह

जेम्स ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के पूर्व चेयरमैन और कामा ज्वेलरी के प्रबंध निदेशक कोलिन शाह के मुताबिक, औद्योगिक जिंस होने के कारण चांदी की मांग मजबूत बनी हुई है। 5जी प्रौद्योगिकी, सौर ऊर्जा, और ईवी की बढ़ती मांग से 2023 में भी चांदी की ऊंची मांग बनी रहेगी। हालांकि, 2023 में चांदी की नई ऊंचाई हासिल करने के लिए पहले मार्च 2022 के उच्च स्तर ($24) और फिर अगस्त 2020 के उच्च स्तर ( $28) को पार करना महत्वपूर्ण है। ये स्तर प्रमुख प्रतिरोध स्तरों के रूप में कार्य करेंगे।

Exit mobile version