Bangal Recruitment Scam : बंगाल के तात्कालीन शिक्षामंत्री पार्थ चटर्जी ईडी के निशाने पर आ गए है। उनके कार्यकाल में शिक्षा विभाग में नियुक्ति के नाम पर महाघोटाला हुआ था। जिसकी अब पड़ताल हो रही है। कुछ लड़कियों ने इस भर्ती घोटाले की शिकायत की थी लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनके शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं की। इस बीच ममता बनर्जी फिर से बंगाल की मुख्यमंत्री बन गई और पार्थ चटर्जी शिक्षामंत्री की जगह उद्योग और वाणिज्य मंत्री बन गए। लेकिन उनकी कारगुजारियों की पोल आखिरकार खुल ही गई और ईडी ने उनकी एक महिला मित्र के घर छापा मारा कर 50 करोड़ नकद तथा लाखों के गहने व विदेशी मुद्रा जप्त की है।
पार्थ चटर्जी ईडी (Bangal Recruitment Scam) की हिरासत में है और ईडी उनके अन्य ठीकानों पर भी छापामार कार्यवाही कर रही है। जांच में नित्य नए चौकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। यह भी पता चला है कि पार्थ चटर्जी की लगभग आधा दर्जन और महिला मित्र है वे भी अब ईडी के रडार पर आ गई है। भ्रष्टाचार से अर्जित करोड़ो की संपत्ति बांग्लादेश और मलेशिया में भी पाई जा सकती है! ईडी इसकी भी जांच कर रही है। इस बीच बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पार्थ चटर्जी को मंत्री मंडले से बर्खास्त कर दिया गया है। यहीं नहीं बल्कि उन्हें तृणमुल कांग्रेस के सभी पदों से भी हटा दिया गया है। गौरतलब है कि जब पार्थ चटर्जी को ईडी ने हिरासत में लिया था तो उन्होंने सबसे पहले ममता बनर्जी को ही फोन लगाया था।
लेकिन उन्होंने उनका फोन नहीं उठाया। इसके बाद से ही यह स्पष्ट हो गया था कि ममता बनर्जी पार्थ चटर्जी को बाहर का रास्ता दिखाने जा रही है। यह दीदी के स्वभाव के विपरित है। पूर्व में जब तृणमुल कांग्रेस के अन्य नेताओं और नौकरशाहों पर केन्द्रीय एजेंसियों ने शिंकजा कसा था तो ममता बनर्जी बिफर गई थी और अपने आरोपी नेताओं व नौकरशाहों के बचाव के लिए सीबीआई दफ्तर में ही धरना दे दिया था। लेकिन इस बार उन्होंने भ्रष्टाचार के आरोपी अपने मंत्री पार्थ चटर्जी को दूध में पड़ी मक्खी की तरह निकाल फेंका है।
इसका मतलब साफ है कि ममता बनर्जी को अब अपने और भतीजे की ज्यादा चिंता है जो ईडी के निशाने पर है। बहरहाल इस घटना के बाद बंगाल में बवाल खड़ा हो गया है और ममता बनर्जी की कुर्सी भी खतरे में नजर आ रही है। ममता बनर्जी इसके पहले तक खुद को राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने का सपना देख रही थी और खुद को प्रधानमंत्री पद का दावेदार बता रही थी लेकिन बंगाल में भर्ती महाघोटाले का पर्दापाश होने के बाद अब उनकी अपनी सरकार ही खतरे में पड़ गई है। यही वजह है कि हमेशा आक्रामक तेवर दिखाने वाली ममता बनर्जी के सुर बदल गए है। इसके बाद भी वे आसानी से आत्मसमर्पन नहीं करेगी।
वे जरूर एक बार फिर केन्द्रीय एजेंसियों के खिलाफ मोर्चा खोंलेगी लेकिन ऐसा कर के वे खुद को और अपने भतीजे को बचाने में कितनी सफल होगी यह देखना दिलचस्प होगा। खबर है कि ममता बनर्जी अपनी इसी मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए दिल्ली दौरा करने वाली है जहां वे विपक्ष के उन नेताओं से संपर्क करेंगी जिनके खिलाफ ईडी ने अपनी कार्रवाई तेज कर दी है।
इसमें नई दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, महाराष्ट्र के उद्धव ठाकरे, शरद पवार और अन्य नेता शामिल है। ये सब मिलकर निश्चित रूप से केन्द्रीय एजेंसियों पर आक्षेप लगाऐंगे। लेकिन उनकी यह कोशिश शायद ही कामयाब हो क्योंकि ईडी को सर्वोच्च न्यायालय ने पहले ही एक तरह से क्लीन चिट दे दी है। इसके बाद भी यदि ईडी के निशाने पर आए विपक्ष के नेता शोर मचाते है तो उसका कोई खास प्रभाव नहीं (Bangal Recruitment Scam) पड़ेगा।