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Assembly Elections : यूपी में योगी बने उपयोगी

Assembly Elections: Yogi became useful in UP

Assembly Elections

Assembly Elections : देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव पर न सिर्फ देश की बल्कि दुनिया की नजर टीकी हुई थी। उत्तर प्रदेश में भाजपा में लगभग तीन दशक बाद लगातार किसी पार्टी की दोबारा सरकार बनाने का इतिहास रचा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान कहा था कि यूपी के लिए योगी ही उपयोगी है।

पीएम मोदी की बात यूपी की जनता को समझ आ गई और उन्होने योगी की सत्ता को भारी बहुमत के साथ बरकरार रखा। यद्यपि उत्तर प्रदेश में भाजपा पिछले चुनाव की तरह तीन सौ सीटों का आंकड़ा पार नहीं कर पाई लेकिन उसके वोट प्रतिशत में तीन प्रतिशत का इजाफा हुआ। दरअसल उत्तर प्रदेश में महिलाओं ने भाजपा के पक्ष में सर्वाधिक मतदान किया। केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा जनहित में चलाई गई विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों ने जाति और धर्म की दीवार लांघ कर भाजपा के पक्ष में मतदान किया।

भाजपा (Assembly Elections) ने न सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश में एक नया लाभार्थी वोट बैंक बना लिया है। यह वोट बैंक अब भाजपा के पक्ष में ही मतदान करेगा और इस वोट बैंक में सेंध लगा पाना की भी राजनीतिक पार्टी के लिए आसान नहीं होगा। उत्तर प्रदेश में सत्ता विरोधी लहर की संभावना को मद्देनजर रख कर समाजवादी पार्टी ने हर दांव पेंच अपनाया लेकिन वह 125 सीटों पर ही सिमट कर रह गई। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बड़बोलीपन और अकड़बाजी ने उनकी पार्टी के लिए हार तय कर दी थी।

समाजवादी पार्टी के सहयोगी दलों के नेता भी विवादास्पद बयानबाजी करते रहे और इसका उन्हे खामियाजा भुगतना पड़ा। उत्तर प्रदेश में वैसे भी भाजपा और समाजवादी पार्टी के बीच ही सीधा मुकाबला हुआ था। बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस पार्टी चुनाव मैदान में जरूर थी लेकिन वे कहीं भी मुकाबले में नजर नहीं आई। बहुजन समाज पार्टी को मात्र एक सीट पर और कंाग्रेस पार्टी को दो सीट पर संतोष करना पड़ा।

ओवैसी ने भी उत्तर प्रदेश (Assembly Elections) में इस बार अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी लेकिन उनकी पार्टी को नोटा से भी कम वोट मिले। बहरहाल अब योगी आदित्यनाथ की सरकार को अपनी दूसरी पारी में यह सिद्ध करना पड़ेगा कि वास्तव में योगी ही यूपी के लिए उपयोगी है। उनके सामने चुनौतियों का लंबा सिलसिला है, उम्मीद की जानी चाहिए कि वे इस चुनौती का सामना करने में सफल होंगे और आगामी लोकसभा चुनाव में एक बार फिर उत्तर प्रदेश से भाजपा को एतिहासिक जीत दिलाने में कमयाब होंगे।

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