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सुप्रिम कोर्ट की निगरानी में नागरिका पहचान का काम किया
असम (Assam) में घुसपैठियों (Intruders) को बाहर करने के लिए सुप्रिम कोर्ट (Supreme court) की निगरानी में नागरिका पहचान (Citizen identification) का काम किया गया है। नई एनआरसी (NEW NRC List) सूची केन्द्रीय गृहमंत्रालय ने जारी कर दी है । जिसमें 19 लाख लोगों के नाम शामिल नहीं है। जाहिर है ये लोग असम (Assam) में अवैध रूप से रहते रहे हैं।
अब इन लोगों को अपनी नागरिकता प्रमाणित करने के लिए 120 दिन का समय दिया गया है। इस बीच यदि वे अपनी नागरिकता प्रमाणित नहीं कर पाएगे तो उनके खिलाफ विधि संबंध कार्यवाही की जाएगी। नई एनआरसी सूची प्रकाशित होने के साथ ही इसे लेकर विवाद खड़ा हो गया है। प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस और आल असम स्टूडेंट यूनियन ने इस सूची पर अंसतोष जाहिर किया है। सत्तारूढ़ भाजपा भी इससे असंतुष्ट है ।
भाजपा का संतोष दूसरा है, उसका मानना है कि यह आंकड़ा 19 लाख से ज्यादा होना चाहिए। इस बारे में भाजपा ने दोबारा वैरिफिकेशन की मांग की थी लेकिन उस पर विचार नहीं किया गया। भाजपा इस मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) में अपना पक्ष रखेगी। दूसरी तरफ कांग्रेस इस सूची का यह कह कर विरोध कर रही है कि ये 19 लाख लोग कहा जाएंगे। वैैसे यह सूची त्रुटि पूर्ण लग रही है कई लोगों के नाम छूट गए है।
एक ही परिवार में किसी का नाम सूची में है तो किसी का नाम नदारद है इस बारे में सरकार ने आश्वासन दिया है कि इस त्रुटि को सुधारा जाएगा। इसे लेकर लोगों को भयभीत नहीं होना चाहिए। एनआरसी सूची (NEW NRC List) को लेकर देश में तो राजनीति हो ही रही है अब इसमें पाकिस्तान भी कुद गया है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एनआरसी सूची (NEW NRC List) को लेकर भारत सरकार पर हमला किया है उनको आरोप है कि कश्मीर से 370 हटाने की अगली कड़ी के रूप में एनआरसी सूची जारी की गई है और इसमें एक विशेष समुदाय के लोगों को निशाना बनाया जजा रहा है। दूसरी तरफ बंगाल नई दिल्ली और अन्य राज्यों में भी एनआरसी सूची बनाने की मांग उठने लगी है। पिछले कुछ दशकों से हिन्दुस्तान सरणीस्थान के रूप में तब्दील हो गया है।
पाकिस्तान और बांग्लादेश से लाखों की संख्या में लोगे भारत में घुसपैठ कर चुके है। रोहिंग्या भी भारत में घुस आए है जो देश के विभिन्न हिस्सों में फैल गए है। कश्मीर में भी इनकी संख्या बड़ी है। असम के बाद कश्मीर में एनआरसी सूची बनानी चाहिए। इसके अलावा देश के अन्य राज्यों में भी नागरिकता पहचान का काम प्रारंभ किया जाना चाहिए। ताकि इन घुसपैठियों को देश से बाहर निकला जा सके।